- अगर आज ग्वालियर में डॉक्टर ने एमआरआई लिख दिया तो टेस्ट की बारी दो महीने बाद आएगी

अगर आज ग्वालियर में डॉक्टर ने एमआरआई लिख दिया तो टेस्ट की बारी दो महीने बाद आएगी

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के बारे में दावा किया जाता है कि यहां मरीजों को हर सुविधा उपलब्ध है। लेकिन वर्तमान में अगर डॉक्टर किसी मरीज को आज एमआरआई जांच लिख देता है तो उसकी बारी दो महीने बाद आएगी। साथ ही यहां एनेस्थीसिया विशेषज्ञ भी मरीजों को समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता।

जेएएच समूह के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भले ही बेहतर सुविधाएं होने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत में इस अस्पताल में बीमारियों की जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। एमआरआई जैसी महत्वपूर्ण जांच के लिए एक से दो महीने की वेटिंग होती है। नतीजतन लोगों को जांच के लिए बाहर निजी सेंटरों पर जाना पड़ता है। इतना ही नहीं अगर मरीज को जांच के लिए एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की जरूरत हो तो वह भी यहां उपलब्ध नहीं होता। जिससे मरीज की जान को खतरा बना रहता है।

यह भी पढ़िए- बैरागढ़ में ओवरब्रिज के नीचे सर्विस रोड निर्माण के चलते दुकानें टूटना तय, चिंतित व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

 सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सबसे ज्यादा दिक्कत दूर-दराज से आने वाले लोगों को हो रही है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन जांच के लिए लगने वाले वेटिंग पीरियड को मरीजों के बढ़ते लोड की वजह बता रहा है। एमआरआई जांच समय पर नहीं होने से मरीजों को दर्द भी सहना पड़ता है, क्योंकि शहर के अन्य सरकारी अस्पतालों में एमआरआई की सुविधा नहीं है।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।

ऐसे में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में जांच के लिए लंबा इंतजार न सिर्फ बीमारी को बढ़ा रहा है बल्कि मरीजों को निजी सेंटरों पर जाकर जांच कराने से आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

रोजाना जांच कराने पहुंचते हैं 100 मरीज

जेएएच समूह के 1000 बिस्तर अस्पताल में एमआरआई की सुविधा नहीं होने के कारण यहां ओपीडी में आने वाले मरीजों को जब डॉक्टर एमआरआई कराने की सलाह देते हैं तो ये मरीज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंच जाते हैं। ऐसे में यहां रोजाना करीब 100 मरीज एमआरआई जांच कराने पहुंचते हैं, लेकिन 25 एमआरआई होने के कारण 75 मरीज प्रतीक्षा सूची में चले जाते हैं। इतना ही नहीं जेएएच में भर्ती मरीज भी प्रतीक्षा सूची में शामिल हैं।

केस-1

छतरपुर निवासी चंद्रकला न्यूरो की समस्या से ग्रसित हैं। जब वह इलाज के लिए न्यूरोलॉजी ओपीडी पहुंची तो वहां मौजूद डॉक्टर ने उन्हें एमआरआई जांच कराने की सलाह दी। वह पर्चा लेकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंची जहां उन्हें 11 जनवरी की तारीख दी गई।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।

केस-2

जौरा मुरैना निवासी गादीपाल कुशवाह को डॉक्टर ने एमआरआई कराने की सलाह दी। परिजन डॉक्टर का पर्चा लेकर एमआरआई जांच के लिए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचे जहां उन्हें 11 जनवरी की तारीख दी गई और शाम 5 बजे आने को कहा गया।

केस- तीन

मुरार निवासी एक व्यक्ति आमना अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर ने उसे एमआरआई जांच लिख दी, लेकिन जब उसके परिजन जांच कराने आए तो उन्हें 9 दिसंबर की तारीख दी गई। यानी अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच भी समय पर नहीं हो पा रही है।

यह भी पढ़िए- आधी रात को कबाड़ की दुकान में आग लगाई, दो के खिलाफ मामला दर्ज

यह सही है कि जांच के लिए वेटिंग लिस्ट है। सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक 25 एमआरआई होती हैं, लेकिन जांच के लिए करीब 100 मरीज पहुंचते हैं। इस कारण अन्य मरीजों को वेटिंग लिस्ट में रखना पड़ता है।

डॉ. जीएस गुप्ता, अधीक्षक, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag