- खरमास 2024: खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ काम? कब से शुरू हो रहा है, पढ़ें क्या करना चाहिए और क्या नहीं

खरमास 2024: खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ काम? कब से शुरू हो रहा है, पढ़ें क्या करना चाहिए और क्या नहीं

खरमास हिंदू कैलेंडर का एक अशुभ महीना है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद शुरू होता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और नए काम वर्जित होते हैं। हालांकि, यह समय पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए उपयुक्त माना जाता है, जो धर्म और आत्मा के कल्याण के लिए लाभकारी होता है।

खरमास हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जिसे शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना जाता है। आमतौर पर यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद शुरू होता है। यह करीब एक महीने तक चलता है।

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 खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश या कोई नया काम शुरू करने जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। शास्त्रों में इस समय को अशुभ और अपशकुन माना गया है। इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना चाहिए। यह समय धर्म और आत्मा के कल्याण के लिए उपयुक्त माना जाता है।

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इस दिन से शुरू होगा खरमास

15 दिसंबर को सुबह 10:19 बजे से खरमास शुरू हो जाएगा। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेगा। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी।

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खरमास के इस महीने में विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। इस दौरान लोग मंत्र जाप, दान, नदियों में स्नान और तीर्थ स्थानों के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि खरमास के महीने में धार्मिक कार्य करने से बहुत लाभ मिलता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

साल में दो बार शुभ कार्यों पर रोक

खरमास साल में दो बार आता है। एक बार यह 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहता है, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है। दूसरी बार यह 15 मार्च से 15 अप्रैल तक रहता है, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है। ऐसे में साल में दो महीने ऐसे होते हैं, जब शुभ कार्यों पर पूरी तरह से रोक होती है।

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 खरमास में करें पूजा पाठ

  • खरमास में श्री राम कथा, भागवत कथा और शिव पुराण का पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ये धार्मिक क्रियाएं आत्मा को शांति और आशीर्वाद देती हैं।
  • खरमास के दौरान प्रतिदिन अपने समय के अनुसार धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें। इससे मानसिक शांति, आशीर्वाद और पुण्य मिलता है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
  • खरमास में इस पूरे महीने में कम से कम एक धार्मिक ग्रंथ का पूरा पाठ करने का प्रयास करें। इससे आध्यात्मिक उन्नति होगी और पुण्य की प्राप्ति भी होगी।
  • खरमास में धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि इससे जीवन में सुख, शांति और संतुलन बनाए रखने का सूत्र भी मिलता है।

 

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