- करोड़ों के ट्रांजेक्शन की धमकी देकर युवक को डिजिटल तरीके से किया ठगी का शिकार, 3500 रुपए गंवाने के बाद आया होश

करोड़ों के ट्रांजेक्शन की धमकी देकर युवक को डिजिटल तरीके से किया ठगी का शिकार, 3500 रुपए गंवाने के बाद आया होश

साइबर जालसाजों ने दो बैंक खातों से करोड़ों के लेनदेन की जानकारी देकर उसे धमकाया और कहा कि इस मामले में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने जांच के नाम पर पैसे मांगे और डिजिटल तरीके से उसे गिरफ्तार भी कर लिया। हालांकि, युवक को जल्द ही धोखाधड़ी का अहसास हो गया और उसने शिकायत दर्ज करा दी।

रतनपुर क्षेत्र में रहने वाले एक युवक को ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें उसके खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन और अवैध खरीदारी की जानकारी दी गई। पहले तो युवक ने डर के मारे तीन हजार पांच सौ रुपये दे दिए। इसके कुछ देर बाद ही उसे ठगी का पता चला।

आनन-फानन में उसने इस पूरे मामले की शिकायत केंद्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर की। रतनपुर क्षेत्र में रहने वाले सुयश दुबे व्यवसायी हैं। सोमवार की सुबह वह किसी काम से बाजार गए थे। इसी दौरान उनके मोबाइल पर किसी अनजान नंबर से कॉल आई।

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कॉल करने वालों ने सुयश को बताया कि उसके नाम पर दो बैंक खाते हैं। इन खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। साथ ही बैंक खातों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया गया है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। यह सुनकर सुयश डर गया।

जालसाजों ने उसे डिजिटली गिरफ्तार कर लिया

जालसाजों ने उसे यह बात गोपनीय रखने को कहा और उसके बैंक डिटेल मांगे। उन्होंने यूपीआई का स्क्रीनशॉट भी मांगा। डरे हुए सुयश ने स्क्रीनशॉट जालसाजों के नंबर पर भेज दिया। इसके बाद वह सीधे घर चला गया। इस बीच जालसाजों ने उसे बताया कि वे उसे डिजिटली गिरफ्तार कर लेंगे और उसे अलग कमरे में रहने को कहा।

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कमरे में जाने से पहले सुयश ने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। पिता की सलाह पर उसने अपने परिचितों को फोन किया। तब उसे ठगी का पता चला। परिचित ने ही उसे साइबर क्राइम का टोल फ्री नंबर दिया।

जांच के लिए पैसे मांगे और गिरफ्तार करने की धमकी दी

जालसाजों ने सुयश को बताया कि वे उसे डिजिटली गिरफ्तार कर लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने उसके बैंक खाते की डिटेल मांगी। डरा हुआ सुयश उनकी बातों में आ रहा था। इसका फायदा उठाकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों ने उससे पैसे मांगे। युवक ने तुरंत अपने बैंक खाते से उनके बताए खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके कुछ देर बाद ही उसे जालसाजों के इरादों का पता चल गया। फिर उसने न सिर्फ उनके फोन उठाने बंद कर दिए, बल्कि साइबर क्राइम पोर्टल पर भी उनकी शिकायत कर दी।

साइबर ठगी के पीड़ितों को थाने पर ही राहत मिलेगी।

साइबर अपराध से जुड़े मामलों में पीड़ितों को समय पर राहत पहुंचाने और थाना स्तर पर साइबर विशेषज्ञ तैयार करने के उद्देश्य से सोमवार को चेतना भवन में एक दिवसीय रेंज स्तरीय साइबर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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 इसमें जवानों को साइबर ठगी के पीड़ितों की शिकायत तुरंत क्राइम पोर्टल पर दर्ज करने का प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें इसकी जानकारी अलग-अलग पोर्टल पर दर्ज करना सिखाया गया। चेतना भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल जवानों को आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने संबोधित किया।

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तत्काल शिकायत कर वापस पा सकते हैं अपने पैसे

उन्होंने कहा कि परंपरागत अपराधों की तुलना में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इनके समाधान के लिए थाना स्तर पर विशेषज्ञ तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठगी की घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर होने के बाद का कुछ समय गोल्डन आवर माना जा सकता है, जब पैसे वापस मिलने की संभावना होती है।

इस दौरान पीड़ित साइबर क्राइम पोर्टल में शिकायत दर्ज कराकर अपने पैसे वापस पा सकते हैं। इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को साइबर नोडल अधिकारी के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षित जवान पीड़ितों को राहत पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को अपने साथी कर्मचारियों से भी साझा करने को कहा।

इन्होंने दिया प्रशिक्षण

चेतना भवन में आयोजित कार्यशाला में साइबर मामलों में विशेष अनुभव रखने वाले प्रशिक्षक एएसपी दीपमाला कश्यप, प्रशिक्षु आईपीएस सुमित कुमार, विक्कू सिंह, चिरंजीव कुमार, विकास राम और शिरीष तिवारी शामिल थे। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशिक्षुओं को विशेष तकनीकी ज्ञान दिया।

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 जिलेवार प्रशिक्षु

बिलासपुर 21

रायगढ़ 12

कोरबा 26

जांजगीर-चांपा 17

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सारंगगढ़-बिलाईगढ़ 12

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