- सरकार कृपया ध्यान दें... भ्रष्टाचार से परेशान व्यक्ति पलटकर जनसुनवाई में पहुंचा, कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी देखते रहे

सरकार कृपया ध्यान दें... भ्रष्टाचार से परेशान व्यक्ति पलटकर जनसुनवाई में पहुंचा, कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी देखते रहे

मध्य प्रदेश के मंदसौर में सरकारी निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की ओर सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान खींचने के लिए एक शख्स ने अनोखा तरीका अपनाया. मल्हारगढ़ के ज्ञानेश प्रजापति पैदल चलकर मंदसौर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे.

कलेक्टर कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में मल्हारगढ़ के ज्ञानेश प्रजापति अपनी समस्या बताने पहुंचे। कलेक्टर कार्यालय में मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों ने भी उन्हें नहीं उठाया। वे घूमकर जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे। इस दौरान वे मल्हारगढ़ नगर परिषद सीएमओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे।

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मल्हारगढ़ के वार्ड 6 निवासी ज्ञानेश प्रजापति मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे गेट से चलकर कलेक्टर कार्यालय स्थित जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद अधिकारी-कर्मचारी भी देखते रहे।

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आवेदन देकर जांच की मांग

  • ज्ञानेश प्रजापति ने कलेक्टर को एक आवेदन भी सौंपा है। इसमें नगर परिषद मल्हारगढ़ में चल रहे निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की जांच की मांग की गई।
  • शिकायत में कहा गया कि वार्ड 12 में नाली निर्माण में भ्रष्टाचार, वार्ड क्रमांक 4 कायाकल्प योजना के सीसी निर्माण में भ्रष्टाचार, वार्ड 5 अंबेडकर मांगलिक भवन के ऊपर डोम निर्माण की जांच की जाए।
  • नगर परिषद मल्हारगढ़ में वार्ड 12 में नाली निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसमें 8 एमएम की लोहे की रॉड का उपयोग किया गया है। घटिया निर्माण के कारण नाली कई जगह से टूटने लगी है।
  • बाद में नाली को छोटे नाले में तब्दील कर दिया गया। इस नाली के अंदर छोटी नालियां बना दी गई। नाली के नीचे का फर्श पूरी तरह से टूट चुका है। इसमें आई बड़ी दरारें घटिया निर्माण की कहानी बयां कर रही हैं।

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ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार का आरोप

आरोप है कि नगर परिषद के इंजीनियर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, जिन्होंने जांच के नाम पर गलत रिपोर्ट तैयार की। ठेकेदार और इंजीनियर का कहना है कि नगर पंचायत से लेकर जिले के अधिकारियों तक कमीशन बंटता है। कमीशन के चलते इन निर्माण कार्यों की सही तरीके से जांच नहीं हो पा रही है।

आवेदन में लिखा है कि शहरी विकास अभिकरण के जिला परियोजना अधिकारी भी इसमें संलिप्त हैं। 20 अगस्त 2024 को कलेक्टर ने नाले के निर्माण को लेकर सीएमओ और इंजीनियर को रिकॉर्ड के साथ बुलाया था, लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर जांच रिपोर्ट सही है तो नाला जगह-जगह से टूटने और दरकने क्यों लगा है? बिल में 12 एमएम के लोहे के रॉड पास किए गए हैं। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

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