मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सदन चर्चा के लिए है और यह नियमों और प्रक्रियाओं के तहत होता है। दूसरे सदन की चर्चा या ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता जो यहां जवाब देने नहीं आ सकता। सभी नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं का पालन करें।
मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सदन में डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और इसे संविधान में आस्था रखने वालों और पूरे अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बताया तथा माफी की मांग की।
सत्ता पक्ष ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो पूरा विपक्ष आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगा। पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री और सत्ता पक्ष के सदस्य भी इसके विरोध में आसन के समक्ष आ गए।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में उन्होंने पूरी बातचीत को कार्यवाही से हटा दिया।
शून्यकाल के दौरान उमंग सिंघार ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर आस्था के केंद्र हैं। भाजपा संविधान की धज्जियां उड़ाने में लगी है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से पूरा समाज आहत है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कोई भी ऐसा कुछ नहीं कह सकता। सदन नियमों और प्रक्रियाओं से चलता है। जो व्यक्ति सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता, उसके बारे में चर्चा नहीं हो सकती। संसद में कही गई किसी भी बात का यहां उल्लेख नहीं किया जा सकता।
इस पर कांग्रेस सदस्य एक साथ खड़े हो गए और जोर-जोर से अपनी बात रखने लगे। मुख्यमंत्री, मंत्री समेत सत्ता पक्ष के सभी सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हो गए और कांग्रेस के आरोपों का प्रतिवाद करने लगे। कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आए तो मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य सदस्य भी आसन के सामने आ गए और दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अध्यक्ष ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में संसदीय कार्य मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि दूसरे सदन में कही गई बात को बिना तथ्यों के राजनीति के लिए यहां उठाना नियमों के अनुरूप नहीं है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
अगर किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में कुछ कहना है तो पहले अनुमति लेनी चाहिए। विपक्ष के नेता को अपनी गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस सदस्यों ने सदन के बाहर नारेबाजी करते हुए आरोपों को दोहराया।