मुख्यालय के खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे के अनुसार आंगनबाड़ी में पोषाहार खाने से बच्चों के फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर बच्चों को परोसे गए रोटी, दाल और आटे के दलिया जैसे खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए हैं। जांच के बाद ही मिलावट का पता चल सकेगा।
बैरसिया तहसील के इजगिरी आंगनबाड़ी केंद्र में पौष्टिक भोजन खाने से सात बच्चों को उल्टी-दस्त होने लगे। इन्हें तत्काल बैरसिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। डॉक्टरों ने एक गंभीर बच्चे को हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया।
अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत स्थिर बताई जा रही है। तीन से पांच साल की उम्र के इन बच्चों को सुबह पौष्टिक भोजन के तौर पर दाल, रोटी और गेहूं के आटे से बनी मीठी लपसी परोसी गई थी। इसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
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मामला सामने आने के बाद पोषाहार उपलब्ध कराने वाले बालाजी स्व सहायता समूह को हटा दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, सूचना पर पहुंचे एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर लगाया।
एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया कि बुधवार को बालाजी स्व सहायता समूह ने इजगिरी गांव की आंगनबाड़ी में 15 बच्चों को दाल, रोटी और मीठी गेहूं की लपसी दी। इसे खाने के बाद सात बच्चों को उल्टी और दस्त होने लगे।
सभी बच्चों को उपचार के लिए बैरसिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जहां चार वर्षीय कीर्तिका पुत्री शिवनारायण, तीन वर्षीय नायरा पुत्री उधम सिंह, चार वर्षीय वैशाली पुत्री भैयालाल, पांच वर्षीय विराट पुत्र रमेश, पांच वर्षीय परी पुत्र धर्मेंद्र और चार वर्षीय ऋषभ पुत्र विनोद की हालत में सुधार होने लगा।
धर्मेंद्र के पुत्र चार वर्षीय प्रिंस की तबीयत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेज दिया। वहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
आंगनबाड़ी केंद्र में स्व-सहायता समूह द्वारा दिया जाने वाला पोषण आहार कुछ समय पहले शासकीय माध्यमिक शाला इजगिरी के 64 बच्चों ने भी खा लिया था। इसके चलते एसडीएम ने स्कूल में कैंप लगाकर सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। हालांकि यहां किसी भी बच्चे में स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या सामने नहीं आई।
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इजगिरी स्थित आंगनबाड़ी में दिया जाने वाला पोषण आहार खाने से कुछ बच्चों की तबीयत खराब हो गई। सभी को अस्पताल में बेहतर उपचार दिया जा रहा है। साथ ही खाद्य अधिकारियों को पोषण आहार की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। स्व-सहायता समूह को हटा दिया गया है। खाद्य विभाग की रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर