शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा की जाती है और विधिवत व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, जिनकी पूजा से जीवन की सभी बाधाएं और रुकावटें दूर हो जाती हैं। यह दिन समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है।
सनातन धर्म में शुभ कार्यों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। चतुर्थी तिथि पर व्रत रखने और शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। वे जीवन से सभी कष्टों को दूर करते हैं।
इस लेख में हम आपको पौष मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025 Date) की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे।
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वैदिक पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 03 जनवरी को दोपहर 01:08 बजे से शुरू होगी। इसका समापन समय 3 जनवरी को रात 11:39 बजे है। चंद्रोदय का समय 09:09 मिनट पर है। ऐसे में भक्त 3 जनवरी को विनायक चतुर्थी का व्रत रख सकेंगे और भगवान गणेश की पूजा कर सकेंगे।
विनायक चतुर्थी पर सिद्धि योग बन रहा है, जो दोपहर से शुरू होकर पूरी रात रहेगा। रवि योग, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र भी बन रहे हैं। इन संयोगों में भगवान गणेश की पूजा करना बहुत शुभ हो सकता है। इससे आपके जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होंगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। नईदुनिया इस लेख फीचर में लिखी बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धार्मिक ग्रंथों/किंवदंतियों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें तथा अपने विवेक का प्रयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के विरुद्ध है।