इंदौर के एमवाय अस्पताल में मरीजों को एक बार में एक महीने की दवा मिलनी शुरू हो गई है। प्रबंधन का दावा है कि यह प्रदेश का पहला अस्पताल है जो एक बार में एक महीने की दवा उपलब्ध करा रहा है। इससे सबसे ज्यादा राहत उन मरीजों को मिली है जो संभाग के दूसरे जिलों से यहां आते हैं।
मरीजों को अब दवा लेने के लिए बार-बार सरकारी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि अब उन्हें एक बार में एक महीने की दवा मिल रही है। इसका फायदा न सिर्फ शहर के मरीजों को मिल रहा है, बल्कि एमवाय अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले संभाग भर के मरीजों को भी मिल रहा है।
अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की पहल की जा रही है। अभी तक एमवाय अस्पताल में मरीजों को सिर्फ सात दिन की ही दवा मिलती थी, जिससे धार, झाबुआ, अलीराजपुर, देवास, खरगोन, खंडवा आदि जगहों से आने वाले मरीजों को परेशानी होती थी।
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इसमें यात्रा व्यय के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है। कई ऐसी बीमारियां हैं जिनकी दवाइयां लंबे समय तक चलती हैं। जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि। यह सुविधा उन मरीजों को दी जा रही है जिन्हें बार-बार विशेषज्ञों से परामर्श की आवश्यकता नहीं होती।
बता दें कि सरकारी अस्पतालों में सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न बीमारियों की सभी दवाइयां मरीजों को निशुल्क दी जाती हैं। हालांकि, अभी भी कई गंभीर बीमारियों की दवाइयां ऐसी हैं, जिन्हें मरीज को बाहर से खरीदना पड़ता है। एमवाय अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती ऐसे मरीजों की मदद के लिए कई संस्थाएं भी काम कर रही हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
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मधुमेह, उच्च रक्तचाप के मरीजों को जिन्हें लंबे समय तक एक ही दवा लेनी पड़ती है, उन्हें अब अस्पताल में एक महीने की दवाइयां दी जा रही हैं। इससे उनका आने-जाने का खर्च भी बच रहा है। मरीजों की परेशानी को देखते हुए यह सुविधा शुरू की गई है। - डॉ. अशोक यादव, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल