रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने 6 जनवरी को इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इस बीच महापौर आरक्षण की तिथि बढ़ाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में चर्चा है कि रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह या संभागायुक्त महादेव कावरे को निगम में प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है।
रायपुर नगर निगम की कमान 29 साल बाद एक बार फिर प्रशासक के हाथ में आ सकती है। दरअसल गुरुवार को महापौर आरक्षण की तिथि बढ़ाए जाने से कयास लगाए जा रहे हैं कि 6 जनवरी से निगम की कमान प्रशासक के हाथ में होगी।
वहीं चर्चा है कि रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह या संभाग आयुक्त महादेव कावरे को निगम में प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है। आपको बता दें कि नगर निगम महापौर एजाज ढेबर का कार्यकाल 5 जनवरी से खत्म हो रहा है।
साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि वे 6 जनवरी को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। ऐसे में निगम में विकास कार्यों की जिम्मेदारी प्रशासक को दी जा सकती है। दरअसल, महापौर पद के लिए आरक्षण 27 दिसंबर को होना था, लेकिन यह तारीख अब बढ़ाकर 7 जनवरी कर दी गई है। यानी अब 7 जनवरी को तय होगा कि रायपुर में महापौर की सीट कौन सी होगी।
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चुनाव विशेषज्ञ अब तक दावा कर रहे थे कि 31 दिसंबर से पहले आचार संहिता लागू हो जाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो नगर निगम चुनाव के लिए प्रकाशित मतदाता सूची में एक जनवरी के बाद फिर से बदलाव करना पड़ेगा। इसके चलते एक जनवरी के बाद 10 हजार से ज्यादा मतदाताओं को सूची में जोड़ना पड़ सकता है।
हाल ही में निगम चुनाव के लिए प्रकाशित मतदाता सूची में अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले मतदाताओं को जोड़ा गया है। वहीं, नवंबर और दिसंबर मिलाकर एक जनवरी से 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए सूची का पुनरीक्षण भी जरूरी होगा।
नगर निगम में प्रशासक का पद महापौर के बराबर होता है। वहीं, निगम में पहले प्रशासक के तौर पर काम करने वाले अफसरों ने भी शहर को काफी कुछ दिया। इसमें 1985 से 1995 तक सात प्रशासक कार्यरत रहे। इस दौरान रायपुर निगम की प्रशासनिक बागडोर भारतीय एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के हाथों में रही।
इन प्रशासकों ने शहर को बहुत कुछ दिया है। 1985 में शासन ने ओमकार प्रसाद दुबे को नगर निगम का प्रशासक नियुक्त किया। उन्होंने 1985 से 1987 तक प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी संभाली। 1987 से 88 तक अजयनाथ को प्रशासक की जिम्मेदारी मिली।
उन्होंने रायपुर को सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी शास्त्री बाजार दी। मनोज श्रीवास्तव 1990 से 93 तक प्रशासक भी रहे। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जीएस मिश्रा 1993 से 95 तक रायपुर निगम में प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उनके अलावा बजरंग सहाय, बीएस श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव भी प्रशासक रह चुके हैं।
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नगर निगम चुनाव के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण दावा-आपत्ति प्रक्रिया से किया जाता है तो एक माह का समय लगेगा। स्वप्रेरणा से किया जाता है तो भी 15 दिन लगना तय है।
जानकारों के अनुसार चुनाव कराने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने में एक जनवरी से करीब एक महीने का समय लगेगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दो से तीन महीने तक प्रशासक निगम की कमान संभालेंगे।