तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा में राष्ट्रगान नहीं बजाए जाने का आरोप लगाते हुए सदन छोड़ दिया। राज्यपाल ने इसे संविधान और राष्ट्रगान का अपमान बताया। सत्र की शुरुआत राज्यपाल आरएन रवि के अभिभाषण से होनी थी। लेकिन विधानसभा सत्र की शुरुआत में तमिलनाडु सरकार का राज्य गीत 'तमिल थाई वझथु' गाया गया। इससे राज्यपाल नाराज हो गए।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
whataapp- https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v
नई दिल्ली। तमिलनाडु में आज 2025 का पहला विधानसभा सत्र शुरू हुआ। नियमों के मुताबिक विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल आरएन रवि के अभिभाषण से होनी थी। लेकिन विधानसभा सत्र की शुरुआत में तमिलनाडु सरकार का राज्य गीत 'तमिल थाई वझथु' गाया गया।
इससे तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रगान के अपमान से नाराज हो गए और विधानसभा सत्र को संबोधित किए बिना ही सदन छोड़ कर चले गए। परंपरा के मुताबिक जब सदन की बैठक शुरू होती है तो राज्य गान तमिल थाई वझथु गाया जाता है और अंत में राष्ट्रगान गाया जाता है। लेकिन राज्यपाल रवि ने इस नियम पर आपत्ति जताई है और कहा है कि राष्ट्रगान दोनों समय गाया जाना चाहिए।
राज्यपाल के आज बाहर निकलने के बाद राजभवन ने एक बयान में कहा, "यह सभी राज्य विधानसभाओं में राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ और अंत में गाया जाता है।" बयान में आगे कहा गया, "राज्यपाल के आज सदन में आगमन पर केवल तमिल थाई वज़्थू गाया गया।" राज्यपाल ने सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और माननीय मुख्यमंत्री, जो सदन के नेता हैं और माननीय अध्यक्ष से राष्ट्रगान गाने की अपील की।
राज्यपाल ने सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और राष्ट्रगान बजाने की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और सदन के अध्यक्ष ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। यह गंभीर चिंता का विषय है।
ऐसी स्थिति में राष्ट्रगान और भारत के संविधान के अपमान का हिस्सा न होते हुए राज्यपाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सदन छोड़ दिया।
यह पहली बार नहीं है जब तमिलनाडु विधानसभा में रीति-रिवाजों को लेकर राजभवन और डीएमके सरकार के बीच विवाद हुआ है।
पिछले फरवरी में राज्यपाल ने विधानसभा में पारंपरिक संबोधन देने से इनकार कर दिया था, उनका कहना था कि मसौदे में कई ऐसे हिस्से हैं जिनमें भ्रामक दावे हैं जो सच्चाई से कोसों दूर हैं। राजभवन ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत और अंत में इसे बजाया जाना चाहिए।