- जहरीले पानी के दावे और सबूतों पर अपने ही जवाब में अरविंद केजरीवाल कैसे फंस सकते हैं?

जहरीले पानी के दावे और सबूतों पर अपने ही जवाब में अरविंद केजरीवाल कैसे फंस सकते हैं?

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के दूसरे नोटिस का जवाब दिया है। दूसरे नोटिस में चुनाव आयोग ने केजरीवाल से 5 सवालों के जवाब मांगे थे, जिसका उन्होंने जवाब सौंप दिया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के दूसरे नोटिस का जवाब दिया है।

 

दूसरे नोटिस में चुनाव आयोग ने केजरीवाल से 5 सवालों के जवाब मांगे थे, जिसका उन्होंने जवाब सौंप दिया है। भाजपा की शिकायत और आप सुप्रीमो के दो जवाबों के बाद अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब का आधार दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को बनाया है, जो उनके बयान के कुछ घंटे बाद जारी किया गया था।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने 27 जनवरी को दोपहर 1.51 बजे ट्वीट किया था जिसमें वे पत्रकारों से बात कर रहे थे और यमुना में जहर घोलने का आरोप लगा रहे थे। उनके इस बयान से सनसनी मचने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने 27 जनवरी की शाम को एक बयान जारी किया था। अब केजरीवाल ने सीईओ के इसी बयान को अपने जवाब का आधार बनाया है।

ऐसे में सवाल उठता है कि जब केजरीवाल ने यमुना में जहर मिलाए जाने का दावा किया तो उनके पास क्या आधार था? केजरीवाल के बयान से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यमुना में अमोनिया का स्तर इतना बढ़ गया है कि दिल्ली की 30 फीसदी जलापूर्ति बाधित हो सकती है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग को बताया है कि उन्होंने वह बयान यमुना में बढ़े अमोनिया स्तर के संदर्भ में दिया था। केजरीवाल ने अपने पहले जवाब में भी अमोनिया के बढ़ने की बात कही थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने फिर से जहर को लेकर 5 सवाल पूछे थे।

चुनाव आयोग के सवाल और अरविंद केजरीवाल के जवाब

सवाल 1 - हरियाणा सरकार ने यमुना में किस तरह का जहर मिलाया था?

केजरीवाल - अमोनिया

सवाल 2 - जहर की मात्रा और प्रकृति, उसका पता लगाने के तरीके के बारे में सबूत दें, जिससे पता चले कि नरसंहार हो सकता था?

केजरीवाल- 27 जनवरी को दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ का बयान, तालिका संलग्न की जा रही है।

(दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने उस दिन 'जहर' से इनकार किया था और कहा था कि नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है, जो हर साल सर्दियों में होता है। उन्होंने बताया था कि किस दिन अमोनिया का स्तर क्या था।)

प्रश्न 3- किस स्थान पर जहर मिला?

केजरीवाल- सीईओ, दिल्ली जल बोर्ड के बयान के अनुसार 27 जनवरी 2025।

प्रश्न-4 दिल्ली जल बोर्ड के किन इंजीनियरों ने कहां और कैसे पता लगाया?

केजरीवाल- सीईओ, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली जल बोर्ड के अन्य अधिकारी।

प्रश्न-5 इंजीनियरों ने पानी को दिल्ली में आने से रोकने के लिए क्या तरीका अपनाया?

केजरीवाल- इसकी पुष्टि दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ और अन्य अधिकारियों से की जा सकती है।

केजरीवाल का वह बयान क्या था जिस पर बवाल मच गया?

केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने यमुना में जहर मिलाया है और अगर इसे नहीं रोका जाता तो नरसंहार हो जाता। उन्होंने कहा था, 'लोगों को प्यासा रखकर मारने से बड़ा कोई पाप नहीं है। अपनी गंदी राजनीति के लिए भाजपा दिल्ली के लोगों को प्यासा रखकर मारना चाहती है। हरियाणा से भाजपा कार्यकर्ता पानी में जहर मिलाकर दिल्ली भेज रहे हैं।

अगर दिल्ली के लोग यह पानी पी लेंगे तो कई लोग मर जाएंगे। क्या इससे ज्यादा घिनौना काम और कोई हो सकता है? जो जहर पानी में मिलाकर भेजा जा रहा है, उसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ भी नहीं किया जा सकता। दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के लिए कई इलाकों में पानी की आपूर्ति रोकनी पड़ रही है। हमारी कोशिश है कि लोगों को कम से कम परेशानी हो। भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली के लोगों के साथ कौन सा कत्लेआम करना चाहते हैं। हम ऐसा कतई नहीं होने देंगे।'

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