दिल्ली विधानसभा सत्र: दिल्ली विधानसभा में सोमवार को सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया। सबसे पहले रिठाला के भाजपा विधायक कुलवंत सिंह राणा भड़क गए। बाद में लक्ष्मी नगर के विधायक अभय कुमार वर्मा आम आदमी पार्टी पर भड़क गए।
दिल्ली विधानसभा सत्र: दिल्ली विधानसभा में लंच से पहले का सत्र काफी हंगामेदार रहा। सत्र की शुरुआत में रिठाला के विधायक कुलवंत सिंह राणा और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को अपनी कुर्सी छोड़कर हस्तक्षेप करना पड़ा। हालांकि इसके बावजूद सदन में कुछ देर तक हंगामा जारी रहा। कुलवंत सिंह राणा का मामला अभी शांत ही हुआ था कि कुछ देर बाद भाजपा के दूसरे विधायक अभय कुमार वर्मा और आप विधायकों के बीच हल्की कहासुनी हो गई।
इस दौरान अभय कुमार वर्मा ने बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष किया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के विधायकों से पूछा,"दिल्ली के मालिक कहां हैं? हम तो जनता के सेवक हैं। जो खुद को मालिक समझते थे, जनता ने उन्हें विधानसभा में बैठने लायक भी नहीं छोड़ा।" इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें रोकते हुए सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा करने को कहा। विधायक अभय वर्मा ने आम आदमी पार्टी पर कसा तंज इसके बाद विधानसभा में स्वास्थ्य से जुड़ी सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान लक्ष्मी नगर से भाजपा विधायक अभय कुमार वर्मा ने फिर से बोलना शुरू किया।
इसी बीच आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने उन्हें टोका। इस पर वर्मा ने फिर तंज कसते हुए कहा, "दिल्ली के मालिक गायब हो गए हैं और जब सेवक आ गए हैं तो आपको दर्द हो रहा है?" उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली हमारा मंदिर है और हम इसके पुजारी हैं।" विधानसभा अध्यक्ष ने दी कार्रवाई की चेतावनी लक्ष्मी नगर विधायक अभय कुमार वर्मा ने अपना भाषण जारी रखते हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि जनता ने उन्हें अब विधानसभा में बैठने लायक भी नहीं छोड़ा है। माहौल बिगड़ता देख विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने चेतावनी दी कि चर्चा में बाधा न डाली जाए, अन्यथा कार्रवाई करनी पड़ेगी। इसके बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ।
अभय वर्मा ने आतिशी के सामने हाथ जोड़े
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के पूछने के बाद भाजपा के लक्ष्मी नगर विधायक अभय कुमार वर्मा ने फिर से अपनी बात रखनी शुरू की। इस बार आम आदमी पार्टी के कालकाजी विधायक और विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने टिप्पणी की। इस पर अभय वर्मा ने जवाब देते हुए कहा, "आतिशी जी, मैं हाथ जोड़ता हूं, मुझे मत छेड़िए, नहीं तो मैं आपको भी नहीं छोडूंगा।" उन्होंने अध्यक्ष से यह भी कहा, "ये लोग मेरे पुराने मित्र हैं, जब सुनना होता है तो मुझे छेड़ते हैं।" हालांकि इसके बाद मामला शांत हो गया।
आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के निष्कासन के मुद्दे पर सोमवार को नेता प्रतिपक्ष आतिशी और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को रूल बुक के नियम बताए। दरअसल, 25 फरवरी को 'आप' विधायकों को तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद विधायक 3 मार्च को पहली बार विधानसभा आए थे।
इस पर आतिशी ने रूल बुक दिखाते हुए पूछा कि इसमें कहां लिखा है कि नेता प्रतिपक्ष को गांधी प्रतिमा और उनके कमरे में आने की अनुमति नहीं होगी? इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र वर्मा ने उन्हें रूल बुक पढ़कर सुनाई और कहा, 'नियम 277, बिंदु 3(डी) में साफ लिखा है कि सदन की सेवा से निलंबित किए गए सदस्य को सदन परिसर में प्रवेश करने और सदन व समितियों की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया जाएगा।'