उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दालमंडी बाज़ार को चौड़ा करने के आदेश पर वाराणसी की अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने मीडिया से बात की।
सीएम योगी ने वाराणसी के प्रसिद्ध दालमंडी बाज़ार को बारिश के बाद चौड़ा करने का अभियान शुरू करने के स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। सीएम योगी के दालमंडी आदेश पर अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ज़िला प्रशासन को भेजे गए नोटिस का अभी तक हमें जवाब नहीं मिला है।
हम समझते हैं कि कई लोग जबरन इसे चौड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन क्या कोई क़ानून के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई करेगा? जब अदालत ने स्थगन आदेश दे दिया है, तो क्या कोई प्रशासनिक अधिकारी उसकी अनदेखी करके अपनी नौकरी को खतरे में डालकर ऐसी कार्रवाई कर सकता है?
मस्जिद को बिल्कुल भी नहीं छुआ जाना चाहिए
वाराणसी के प्रसिद्ध दालमंडी बाज़ार चौड़ीकरण अभियान पर बयान देते हुए मोहम्मद यासीन ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ऐसा निर्देश नहीं दे सकते कि आप क़ानून को नज़रअंदाज़ करके तुरंत बुलडोज़र चला दें।
हमारी मस्जिद उपासना स्थल अधिनियम से प्रभावित है। मस्जिद को लेकर स्पष्ट आदेश है कि उसे बिल्कुल भी नहीं छुआ जाना चाहिए। अगर वे अदालत की अवमानना करते हैं, अगर भविष्य में ऐसा हुआ, तो हम हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएँगे। ऐसा नहीं हो सकता कि बारिश रुक जाए और वे अक्टूबर तक बुलडोज़र लेकर वहाँ पहुँच जाएँ।
मोहर्रम जुलूस के मुद्दे पर सीएम का समर्थन किया
मोहर्रम जुलूस को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की फटकार से यासीन ने सहमति जताई और कहा कि हम मुख्यमंत्री के इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं। क्योंकि हमने ख़ुद देखा है कि जब कोई गाइडलाइन दी जाती है, तो उसका पालन होना चाहिए। दूसरे धर्मों के लोगों के लिए भी नियम बनाए गए हैं।
अगर मोहर्रम का जुलूस प्रतीकात्मक है, तो उसे उसी के अनुसार किया जाना चाहिए। कावड़ यात्रा के लिए नेमप्लेट लगाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक यात्रा है। लेकिन नेमप्लेट लगाने से दूरियाँ पैदा होंगी। पहचान के लिए कोई और विकल्प होना चाहिए क्योंकि कई जगहों से सूचना आ रही है कि कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है।