- भारत के किस प्रधानमंत्री ने चीन को आम के पेड़ उपहार में दिए थे? जिसके कारण वह उत्पादन में प्रतिस्पर्धा कर रहा है

भारत के किस प्रधानमंत्री ने चीन को आम के पेड़ उपहार में दिए थे? जिसके कारण वह उत्पादन में प्रतिस्पर्धा कर रहा है

भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन फिर भी चीन आम के निर्यात में भारत को कड़ी टक्कर दे रहा है। आइए जानते हैं कि भारत के आम के पौधे चीन कैसे पहुँचे?
आम को भारत का एक प्रमुख फल और फलों का राजा कहा जाता है। आम का मौसम आते ही लोग इस पर टूट पड़ते हैं और इसे खूब खाते हैं। आम खाने के साथ-साथ इससे तरह-तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। यहाँ दशहरी और अल्फांसो आम बहुत पसंद किए जाते हैं। भारत में आम की कई किस्में उगाई जाती हैं और हर किस्म का अपना स्वाद, रंग और आकार होता है। यहाँ के आमों की किस्में बाज़ारों में छाई रहती हैं, इसीलिए यहाँ के आमों की दुनिया भर में माँग है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन भी आमों की खेती कर रहा है?

आज चीन न केवल दशहरी, अल्फांसो, चौंसा और लंगड़ा जैसी भारतीय किस्मों की खेती कर रहा है, बल्कि दुनिया भर में इनका निर्यात भी कर रहा है, और कुछ आम चीन से आयात करके भारत भी लौट रहे हैं। आइए जानते हैं कि आम चीन कैसे पहुँचा?

पहले, हर देश को आम उपहार में दिए जाते थे।

1947 में जब भारत दो भागों में विभाजित हुआ, तो भारत और पाकिस्तान दो देश बनकर उभरे। दोनों देशों का राष्ट्रीय फल आम है। दोनों देशों ने अपनी वैश्विक कूटनीति में आम को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। 1950 के दशक में, जब भी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू किसी विदेशी दौरे पर जाते थे, तो उस देश के लिए आमों का एक डिब्बा उपहार में ले जाते थे। जब भी कोई विदेशी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भारत आते थे, तो नेहरू उन्हें आम भेंट करते थे।

भारत से चीन तक आम के पौधे कैसे पहुँचे?

1955 में जब पंडित नेहरू चीन गए, तो वे अपने साथ दशहरी और लंगड़ा आम के आठ पौधे उपहार में ले गए। उन्होंने वे पौधे चीन के प्रधानमंत्री चाउ एनलाई को भेंट किए। चीन ने उन पौधों को ग्वांगझोउ पीपुल्स पार्क में लगाया। दरअसल, हुआ यूँ कि 14 नवंबर 1954 को, जब नेहरू का 65वाँ जन्मदिन था, चीन के प्रधानमंत्री ने उन्हें चित्तीदार हिरणों का एक जोड़ा, लाल कलगी वाले सारसों का एक जोड़ा और सौ सुनहरी मछलियाँ उपहार में भेजीं। बदले में प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें आमों का तोहफ़ा दिया।

चीन भारत से कैसे प्रतिस्पर्धा कर रहा है

भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा आम पैदा करता है, दुनिया के कुल आम उत्पादन का 40% भारत से आता है। इसके बावजूद, चीन पिछले दो सालों से आम निर्यात में अग्रणी बना हुआ है। साल 2023 की बात करें तो इस साल भारत ने 55.94 मिलियन डॉलर के आमों का निर्यात किया। जबकि चीन ने 59.43 मिलियन डॉलर के आमों का निर्यात किया। ऐसे में साफ़ है कि चीन भारत से ही आम के पौधे ख़रीदकर निर्यात में भारत से प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है।

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