- क्या विधानसभा में बैठकर 'जंगली रमी' खेल रहे थे कृषि मंत्री? रोहित पवार के आरोप पर बोले- 'मैं...'

क्या विधानसभा में बैठकर 'जंगली रमी' खेल रहे थे कृषि मंत्री? रोहित पवार के आरोप पर बोले- 'मैं...'

विधायक रोहित पवार ने कृषि मंत्री कोकाटे पर विधानसभा में रमी खेलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "जब किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तो मंत्री जी को खेलने का समय कैसे मिलता है?"

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे एक बार फिर विवादों में हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके दावा किया है कि कोकाटे विधानसभा सत्र के दौरान अपने मोबाइल पर 'जंगली रमी' खेलते देखे गए। पवार ने तंज कसते हुए लिखा, "जंगली रमी पे आओ ना_महाराज...!" इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
इस पर सफाई देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि दरअसल वह कोई गेम नहीं खेल रहे थे, बल्कि यूट्यूब खोल रहे थे। इसी दौरान उनकी स्क्रीन पर गेम का विज्ञापन आ गया।

'किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं'

पवार ने अपने ट्वीट में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भाजपा गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में कृषि से जुड़े अनगिनत मुद्दे लंबित हैं और औसतन 8 किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं, तब भी कृषि मंत्री को रमी खेलने का समय मिल जाता है। पवार ने सवाल उठाया कि क्या सत्तारूढ़ दल भाजपा की अनुमति के बिना कोई भी निर्णय लेने में सक्षम है?

किसानों की मांगें अनसुनी - रोहित

महाराष्ट्र में किसान लंबे समय से फसल बीमा, कर्जमाफी और भावांतर योजना की मांग कर रहे हैं। पवार ने तंज कसते हुए कहा, "कभी गरीब किसानों की खेती भी आओ न महाराज!" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और उसके मंत्री किसानों की इस दर्दनाक पुकार को अनसुना कर रहे हैं। राज्य में बढ़ती किसान आत्महत्याओं और कृषि संकट के बीच यह घटना सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है।

विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला

रोहित पवार के इस खुलासे के बाद विपक्ष ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला बोला है। विपक्षी दलों का कहना है कि जब किसानों की हालत बदतर होती जा रही है, तब सरकार के मंत्रियों का ऐसा व्यवहार असंवेदनशीलता दर्शाता है। उन्होंने मांग की है कि कोकाटे इस घटना के लिए माफी मांगें और सरकार किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करे।
अभी तक इस विवाद पर माणिकराव कोकाटे या सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा सत्र में यह घटना विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।

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