कृषि मंत्री की हरकत पर भड़कीं सुप्रिया सुले, कहा- किसानों की चिंता करना मंत्री की ज़िम्मेदारी है, रमी खेलना नहीं। शिंदे से तत्काल कार्रवाई की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, राज्य की सियासत उस समय गरमा गई जब एनसीपी (शरद पवार गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि एक तरफ़ राज्य में पिछले तीन महीनों में 750 किसानों ने आत्महत्या की, वहीं दूसरी तरफ़ विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री सदन में बैठकर रमी जैसे खेल खेलते नज़र आए। सुले ने इस घटना को शर्मनाक बताया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की कि ऐसे मंत्री को तुरंत पद से हटाया जाए।
सुले ने कहा, "अगर मंत्री ख़ुद इस्तीफ़ा नहीं देते हैं, तो मुख्यमंत्री को उन्हें हटा देना चाहिए। यह न सिर्फ़ सदन का अपमान है, बल्कि उन किसानों के साथ अन्याय है जिन्होंने निराशा में अपनी जान गंवा दी।"
अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, "मैं रमी नहीं खेल रहा था, यूट्यूब खोल रहा था। तभी विज्ञापन आ गया।"
प्रधानमंत्री भी घिरे
सुप्रिया सुले ने देश की सुरक्षा स्थिति को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि आतंकवादी कहाँ हैं? उनकी संख्या कितनी थी? पीड़ित परिवार जवाब मांग रहे हैं, देश जवाब मांग रहा है।" उन्होंने कहा कि सिर्फ़ बयानबाज़ी से जनता का विश्वास नहीं जीता जा सकता, अब सच्चाई सामने आनी चाहिए।
उद्धव-फडणवीस मुलाकात पर प्रतिक्रिया
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा, "मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। दोनों ही हमारे राज्य के वरिष्ठ नेता हैं। लेकिन यह सवाल सिर्फ़ हमसे ही नहीं, बल्कि एनडीए से भी पूछा जाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने पार्टी की ओर से बैठक में अपनी बात रखी है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।
सुप्रिया सुले के बयानों से साफ है कि विपक्ष विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को हर तरफ से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। किसानों की आत्महत्या, मंत्रियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये और सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए है।