निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय कुमार निषाद ने अपने संबोधन में कहा कि निषाद पार्टी अब पूरे भारत में मेहनतकश समुदायों की एक मज़बूत आवाज़ बन गई है।
निषाद पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन और 10वां स्थापना दिवस बुधवार (20 अगस्त) को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मछुआरा समुदाय के हज़ारों लोगों ने भाग लिया और अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में सहयोगी दलों के कई शीर्ष नेता मौजूद रहे और डॉ. संजय कुमार निषाद के नेतृत्व में समुदाय के अधिकारों की लड़ाई को मज़बूत करने का संकल्प दोहराया गया।
निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय कुमार निषाद ने अपने संबोधन में कहा कि निषाद पार्टी अब पूरे भारत में मेहनतकश समुदायों की एक मज़बूत आवाज़ बन गई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि समुदाय का सबसे बड़ा मुद्दा आरक्षण और संवैधानिक अधिकार है, जिसे हर कीमत पर हासिल किया जाएगा। अपनी बात रखते हुए संजय निषाद ने यहाँ तक कहा कि अगर समुदाय दिल्ली आ सकता है, तो लखनऊ विधानसभा का घेराव भी कर सकता है।
इस मंच से संजय निषाद ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी घोषणा आधिकारिक रूप से की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संकल्प लेने को कहा कि वे जातिगत और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर संगठन को मज़बूत करेंगे और अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करेंगे।
विधानसभा का घेराव होगा - ओम प्रकाश राजभर
इस सभा को संबोधित करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि निषाद समाज की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही थी, लेकिन आज दिल्ली के मंच से यह साबित हो गया है कि यह समाज राजनीति का भविष्य तय करने की क्षमता रखता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समाज को उसका हक नहीं मिला तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
तालकटोरा स्टेडियम में रैली नहीं, भीड़ है - आशीष पटेल
अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि तालकटोरा स्टेडियम में रैली नहीं, भीड़ है। उन्होंने कहा कि अब निषाद पार्टी अकेली नहीं है, बल्कि सभी सहयोगी दल उसके साथ खड़े हैं। उन्होंने मंच पर मौजूद अपना दल (एस), सुभासपा, रालोद और निषाद पार्टी को असली पीडीए बताया और कहा कि सत्ता की चाबी इन्हीं दलों के पास होगी।
रालोद निषाद पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा है - चंदन चौहान
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव और बिजनौर सांसद चंदन चौहान ने कहा कि किसानों और पिछड़ों की आवाज़ उठाने की परंपरा चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह से चली आ रही है। आज डॉ. संजय निषाद वही लड़ाई लड़ रहे हैं और रालोद उनके साथ मजबूती से खड़ा है।