भारत द्वारा 2023 में शुरू की गई विशेष पहल 'इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस' का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अब नेपाल भी इसका सदस्य बन गया है। इस प्रकार, अब 90 देश IBCA में शामिल हो गए हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस' में अब नेपाल भी शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे बड़ी बिल्लियों की सात प्रमुख प्रजातियों के संरक्षण हेतु एक वैश्विक पहल के रूप में शुरू किया था। इसका नाम 'इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस' (IBCA) रखा गया है। अब नेपाल ने इसका आधिकारिक सदस्य बनकर एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने IBCA क्यों बनाया?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस गठबंधन के गठन का उद्देश्य दुनिया भर में बड़ी बिल्लियों के संरक्षण को बढ़ावा देना और इस दिशा में सहयोग के लिए विभिन्न देशों को एक मंच पर लाना है। शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए, IBCA ने कहा कि नेपाल ने संगठन के मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे वह इसका पूर्ण सदस्य बन गया है। आपको बता दें कि IBCA एक वैश्विक गठबंधन है, जिसमें वर्तमान में बड़ी बिल्लियों के संरक्षण में रुचि रखने वाले 90 देश शामिल हो चुके हैं।
IBCA किन जानवरों का संरक्षण करता है?
यह संगठन बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा जैसी प्रजातियों के संरक्षण के लिए सहयोग और अनुसंधान को बढ़ावा देता है। नेपाल की भागीदारी इस गठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि हिम तेंदुआ, बाघ और सामान्य तेंदुआ जैसी प्रमुख पशु प्रजातियाँ पहले से ही नेपाल में मौजूद हैं। आईबीसीए ने कहा कि नेपाल के शामिल होने से न केवल इन प्रजातियों का संरक्षण मज़बूत होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर संरक्षण प्रयासों में भी तेज़ी आएगी। संगठन ने "साझा पारिस्थितिक सुरक्षा" की दिशा में उठाए गए इस कदम के लिए नेपाल सरकार को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इससे क्षेत्रीय सहयोग और मज़बूत होगा।
नेपाल में बाघों की स्थिति क्या है?
हाल के वर्षों में नेपाल ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय प्रगति की है। 2009 में जहाँ देश में केवल 121 बाघ थे, वहीं 2022 की नवीनतम जनगणना के अनुसार यह संख्या बढ़कर लगभग 355 हो गई है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि संरक्षण प्रयासों में गंभीरता और समर्पण हो, तो परिणाम सकारात्मक हो सकते हैं।
आईबीसीए की स्थापना कब हुई थी?
'अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस' का शुभारंभ 9 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में किया था। इस पहल का उद्देश्य सात प्रमुख बिग कैट प्रजातियों के संरक्षण को एक वैश्विक आंदोलन बनाना है। भारत की इस पहल की आज न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहना हो रही है। नेपाल की सदस्यता दर्शाती है कि दक्षिण एशियाई देश पर्यावरण साझेदारी को लेकर गंभीर हैं और बड़े वन्यजीवों के संरक्षण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।