बरेली हिंसा पर बोलते हुए, स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुस्लिम घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण और एक साजिश का हिस्सा बताया।
अखिल भारतीय जनता पार्टी (अजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने बरेली हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बरेली में मुस्लिम घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण और एकतरफा बताते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश का हिस्सा बताया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुस्लिम, मस्जिद-मंदिर जैसे मुद्दों को जानबूझकर ज़िंदा रखा जा रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पुलिस आम नागरिकों को परेशान करने में लगी है।
उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है। सरकार एक खास वर्ग को संरक्षण दे रही है, जिससे धर्म और जाति के आधार पर समाज में विभाजन बढ़ रहा है। बरेली की घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है, जहाँ प्रशासन ने निष्पक्षता के बजाय राजनीतिक दबाव में काम किया।
मौर्य ने सपा सांसद के घर पर हमले पर उठाए सवाल
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए सवाल किया कि एक जाति विशेष के लोगों ने रामजी लाल सुमन के घर पर हमला किया, लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या बुलडोज़र सिर्फ़ एक समुदाय के लिए है?
फतेहपुर और बहराइच की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू संगठनों ने खुलेआम हंगामा किया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और दंगे जैसी स्थिति पैदा की, लेकिन वहाँ बुलडोज़र नहीं चलाया गया। मेरा मानना है कि क़ानून सबके लिए समान होना चाहिए और अपराधियों के ख़िलाफ़ निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए।
मौर्य ने आगे कहा कि अगर सरकार अपना एकतरफ़ा रवैया नहीं छोड़ती, तो जनता इसका जवाब देगी। मौर्य ने पूछा, "बरेली में मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चलाना कहाँ तक जायज़ है, जबकि दूसरी घटनाओं में ऐसी कार्रवाई नहीं की गई?"
मौर्य ने देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई
स्वामी प्रसाद मौर्य ने देश की आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1.4 अरब की आबादी में से 80 करोड़ लोगों को 5-10 किलो चावल के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया है।
महंगाई आसमान छू रही है, किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा है और आम लोगों का जीवन दयनीय हो गया है। सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण देश में अराजकता फैल रही है। समाज को बाँटकर और धार्मिक मुद्दों को हवा देकर सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है।