बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि महागठबंधन को उसके किए की सज़ा मिल गई है।
रविवार (16 नवंबर, 2025) को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा बागेश्वर धाम तक आयोजित सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में भाग लिया। पदयात्रा में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें यहाँ आकर बहुत अच्छा लगा और जल्द ही कश्मीर में भी एक यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
बिहार चुनाव के नतीजों पर भी टिप्पणी की
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन को उसके किए की सज़ा मिल गई है। सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के अंतिम चरण में मंच से संबोधित करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अब "ॐ शांति" का नहीं, बल्कि "ॐ क्रांति-क्रांति-क्रांति" का समय है। उन्होंने कहा कि हर हिंदू लड़की को झाँसी की रानी की तरह साहसी होना चाहिए और हर हिंदू घर के दरवाज़े पर तुलसी का पौधा और गाय होनी चाहिए, क्योंकि गाय के दर्शन से 99 करोड़ देवी-देवताओं के दर्शन का पुण्य मिलता है।
दिल्ली से कश्मीर तक निकाली जाएगी यात्रा: रामभद्राचार्य
उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही दिल्ली से कश्मीर तक एक विशाल यात्रा निकाली जाएगी और वे स्वयं उसमें शामिल होंगे। रामभद्राचार्य ने कहा, "हम कश्मीर को फिर से भारत का स्वर्ग बनाएँगे।" उन्होंने प्रत्येक हिंदू से नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने की भी अपील की और कहा कि महिलाओं का सम्मान करना आवश्यक है—महिलाएँ किसी भी परिस्थिति में "नरक का कुंड" नहीं बन सकतीं।
समान नागरिक संहिता की माँग
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने मंच से कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि "वे भेड़ों की तरह 25-25 बच्चे पैदा करते हैं।" उन्होंने हिंदुओं से जागरूक होने की अपील की और कहा कि अब आत्मचिंतन का सिद्धांत अपनाया जाएगा—जो कोई भी हिंदू बनना चाहता है, उसे हिंदू धर्म में परिवर्तित किया जाएगा और उसकी पूरी सुरक्षा की जाएगी।
"अयोध्या बदल गई, काशी बदल गई... अब मथुरा की बारी है।"
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य आचार्य रामचंद्र दास ने कहा कि जैसे अयोध्या और काशी बदल गए हैं, अब मथुरा की बारी है। उन्होंने कहा, "राम धनुष लिए खड़े हैं, अब बांसुरी बजने वाली है," अर्थात अगला बड़ा आंदोलन मथुरा को लेकर होगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने संतों का स्वागत किया और उन्हें पट्टिकाएँ भेंट कीं।
कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को पट्टिका भेंट कर उनका स्वागत किया। जगद्गुरु ने भी उन्हें गले लगाया और आशीर्वाद दिया। गंगा-यमुना आरती के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर उपस्थित सभी संतों को पट्टिकाएँ भेंट कर सम्मानित किया।