जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज़ के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अगर रुपया दबाव में बना रहा, तो आने वाले समय में मार्केट में कुछ प्रॉफिट-बुकिंग देखने को मिल सकती है।
अगले हफ़्ते भारतीय शेयर मार्केट का परफॉर्मेंस मुख्य रूप से इकोनॉमिक डेटा, विदेशी इन्वेस्टर सेंटिमेंट और ग्लोबल मार्केट के संकेतों पर निर्भर करेगा। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन्वेस्टर आने वाले हफ़्ते में घरेलू ट्रेड डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) और ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) डेटा पर करीब से नज़र रखेंगे।
ब्रोकरेज फर्म रेलिगेयर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा के मुताबिक, नवंबर फ्यूचर्स एक्सपायरी से पहले मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। घरेलू मोर्चे पर, मार्केट दूसरी तिमाही के GDP डेटा और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन जैसे मुख्य इकोनॉमिक इंडिकेटर्स पर करीब से नज़र रखेगा।
कौन से फैक्टर मार्केट की दिशा तय करेंगे?
एनालिस्ट्स का मानना है कि ग्लोबली, इन्वेस्टर US मार्केट के परफॉर्मेंस और वहां के मुख्य इकोनॉमिक डेटा पर करीब से नज़र रखेंगे। ये ग्लोबल संकेत आने वाले समय में रिस्क सेंटिमेंट तय करेंगे और विदेशी कैपिटल इनफ्लो पर भी सीधा असर डालेंगे।
पिछले हफ़्ते, BSE सेंसेक्स 669.14 पॉइंट्स या 0.79 परसेंट बढ़ा, जबकि निफ्टी 158.1 पॉइंट्स या 0.61 परसेंट बढ़कर बंद हुआ। इस बीच, 20 नवंबर को सेंसेक्स 52 हफ़्ते के सबसे ऊंचे लेवल 85,801.70 और निफ्टी 52 हफ़्ते के सबसे ऊंचे लेवल 26,246.65 पर पहुंच गया।
प्रॉफिट बुकिंग की संभावना
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज़ के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अगर रुपया दबाव में बना रहा, तो आने वाले समय में मार्केट में कुछ प्रॉफिट-बुकिंग देखने को मिल सकती है। इन्वेस्टर्स ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपया-डॉलर एक्सचेंज रेट पर भी करीब से नज़र रखेंगे।
मार्केट के मज़बूत रहने की उम्मीद
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज़ के एसेट मैनेजमेंट रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर, अगले हफ़्ते मार्केट के मज़बूत रहने की संभावना है। गिरावट पर खरीदने की स्ट्रैटेजी, तीसरी तिमाही में मज़बूत डिमांड के संकेत और लगातार फंड इनफ्लो से मार्केट को सपोर्ट मिलता रहेगा।
इसके अलावा, भारत-US ट्रेड बातचीत में कोई भी पॉज़िटिव प्रोग्रेस आने वाले समय में मार्केट के लिए एक बड़ा कैटलिस्ट माना जा रहा है।