रामपुर। मशहूर फिल्म अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा को कोर्ट में हाजिर होना ही पड़ेगा। उन्हें आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट में नोटिस दिय गया है। इस तरह से जयाप्रदा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गौरतलब है कि सन 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में रामपुर में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली जयप्रदा पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की सुनवाई रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है जिस पर पिछली कई तारीखों से जयप्रदा अदालत नहीं पहुंची। अब अदालत ने एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया था। इस वारंट के खिलाफ जयप्रदा के वकील ने सेशन कोर्ट में अपील करते हुए वारंट रिकॉल करने की प्रार्थना की थी। जिसे सेशन कोर्ट ने नामंज़ूर कर दिया और निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखा। इस मामले में विस्तृत आदेश आने पर साफ होगा कि क्या जयप्रदा के वकीलों की गुहार पर अदालत ने क्या फैसला दिया है। फिलहाल इतना तो तय है कि जयप्रदा को अदालत में हाजिर होना ही होगा।
अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने इस मामले में बताया कि जयप्रदा के विरुद्ध थाना स्वार और थाना केमरी दोनों में 2019 में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले थे उसमें ट्रायल चल रहा था। पिछले तिथियो में पत्रावली 313 नियत थी जयप्रदा माननीय विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट में उपस्थित नहीं आ रही थी, जिसमें न्यायालय के द्वारा एनबीडब्ल्यू पिछली तिथियां में जारी किया गया था। पिछली तिथि जो की 11 दिसंबर नियत थी उस पर जयप्रदा के अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट से आए थे। अजगर अली ने उनके द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि एनबीडब्ल्यू रिकॉल किया जाए। जिसे निरस्त कर दिया गया था। उस आदेश के विरुद्ध जयप्रदा के अधिवक्ता के द्वारा सेशन न्यायालय में रिवीजन दाखिल किया गया था।
जयाप्रदा के रिवीजन को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट रामपुर के द्वारा निरस्त करते हुए कहा गया था कि जो न्यायालय का आदेश है वह विधिपूर्ण है और न्यायालय को निर्देशित किया गया है कि यदि जयप्रदा न्यायालय में उपस्थित होती हैं, तो विधि अनुसार कार्रवाई की जाए। उनके प्रार्थना पत्र को सुना जाए उनके परिपेक्ष में आज जयप्रदा के अधिवक्ता के द्वारा प्रार्थना पत्र पुण एनबीडब्ल्यू रिकॉल कर दिया गया था, लेकिन जयप्रदा उपस्थित नहीं हुई।