-
ताजमहल में सालाना उर्स पर हिंदू संगठन ने की रोक लगाने की मांग
आगरा,। ताजमहल में होने वाले सालाना उर्स पर हिंदू संगठनों ने रोक लगाने की मांग की है। उर्स को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने ताजमहल में सालाना उर्स पर रोक लगाने के लिए आगरा कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। याचिका में मांग की गई है कि बिना एएसआई के अनुमति के ताजमहल में उर्स आयोजन नहीं होना चाहिए। बता दें कि मुगल बादशाह शाहजहां की पुण्यतिथि के मौके पर इस उर्स का आयोजन होता है। इस मामले को आगरा जिला अदालत के सिविल जज के सामने लिस्ट किया गया है। 31 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होनी है। वहीं उर्स का आयोजन 6 फरवरी को फिर से होने जा रहा है। ताजमहल परिसर में 6 से 8 फरवरी तक 369वें उर्स का आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान लोगों को शामिल होने केलिए टिकट भी खरीदना पड़ता है।
यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलता है। कहा जाता है कि शाहजहां ने ही अपनी बेगम मुमताज की याद में यमुना के किनारे ताजमहल बनवाया था। 1631 में मुमताज की मौत हुई थी और इसके एक साल बाद ही ताजमहल बनने का काम शुरू हो गया था। हालांकि इसे पूरा होने में 30 साल का वक्त लग गया और यह 1652 में बनकर तैयार हुआ। इसके 14 साल बाद 1666 में शाहजहां की भी मौत हुई तो ताजमहल के अंदर ही मुमताज की कब्र के बगल में उनकी भी कब्र बनाई गई।उर्स के मौके पर ताजमहल का वह तहखाना खोला जाता है जिसमें मुमताज और शाहजहां की कब्र हैं। इस दौरान वहां जाने वाले लोगों को भी असली कब्र देखने का मौका मिलता है।
इस मौके पर फातिहा, मिलाद उन नबी और मुशायरा भी होता है। इस मौके पर मुमताज और शाहजहां की असली कब्र का रास्ता खोल दिया जाता है। वहीं याचिका में कहा गया है कि ऐतिहासिक धरोहर में इस तरह का धार्मिक काम नहीं किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि समारोह की कमेटी ताजगंग सालाना उर्स मनाने की तैयारी कर रही है लेकिन इसके लिए सरकार औऱ एएसआई से इजाजत नहीं ली गई है। वहीं इस कमेटी के अध्यक्ष भी किसी तरह से ताजमहल से नहीं जुड़े हैं। वह ना तो ताजमहल में कोई कर्मचारी हैं औऱ ना ही इस इमारत से उनका कोई जुड़ाव है, इसके बावजूद बिना इजाजत के कार्यक्रम हो रहा है।
Comments About This News :
Submit A Comment
Subscription Successfully......!
Error Please Try Again & Check Your Connection......!