- डबरा श्री चंद्रपुरी काशी नगरी कहलाएगी, पंचकल्याणक महोत्सव की काशी नगरी सज्जने की तैयारिया हुई तेज।

डबरा श्री चंद्रपुरी काशी नगरी कहलाएगी, पंचकल्याणक महोत्सव की काशी नगरी सज्जने की तैयारिया हुई तेज।

ग्वालियर/  डबरा शहर के महावीरपुरा स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर के 10 से 15 फरवरी तक मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज व मुनिश्री विश्वसौम्या सागर महाराज के सानिध्य में श्री मज्जिनेन्द्र श्री चंद्रप्रभु जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव व विश्व शांति महायज्ञ व गजरथ महोत्सव की तैयारियो तेजी से चल रही है। पंचकल्याक की तैयारियों के लिए श्री चंद्रपुरी काशी नगरी के रूप में नवगृह शक्ति पीठ परिसर में ड्रोम पंडाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। आज बुधवार को मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज एवं पंचकल्याणक समिति ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर तैयारियो का निरक्षण किया।

पंचकल्याण महोत्सव समिति के अध्यक्ष सिंघई विनोद कुमार जैन एवं महामंत्री जितेंद्र जैन (काली) ने बताया कि चंद्रप्रभु काशी नगरी में उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज के द्वारा और प्रतिष्ठाचार्य डॉ अभिषेक जैन और आशीष जैन दमोह के मार्ग दर्शन में पाषाण, अष्टधातु की प्रतिमाओं को विधिविधान मंत्रो की आराधना के साथ गर्व कल्याणक से जन्म, ज्ञान, तप से लेकर मोक्ष कल्याणक की संस्कार विधि क्रियाएं संपन्न होगी। पंचकल्याणक महोत्सव में भोपाल से संगीतकार लोकेश एन्ड पार्टी आयेगी। 
 
*डबरा को चंद्रपुरी काशी नगरी कहलाएगी, पंचकल्याणक की काशी नगरी तेज हुई तैयारिया*

अयोजन समिति के मीडिया प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज ने कार्यक्रम स्थल चंद्रपुरी काशी नगरी नवग्रह शक्ति पीठ परिसर पर पहुंचकर तैयार हो रही ड्रोम पंडाल लंबाई 200 ओर चौड़ाई 100 वही मंच की लंबाई 60 ओर चौड़ाई 100 की तैयार की गई है। वही प्रतिमाओं विधि पूर्वक संस्कार क्रियाओं की वेदी 8 बाई 8 की तैयार की गई है। ड्रॉम पंडाल में पूजन करने वाले इंद्रा इंद्राणी ओर कार्यकम में शहर ओर बाहर आने वाले श्रध्दालुओं के लिए तीन से चार हजार लोगों की बैठने की व्यावस्था की गई है।

*पाप कर्मों की निर्जरा के बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है-उपाध्यायश्री विहसंत।*

मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज ने आज बुधवार को महावीरपुरा स्थित दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संयम तपस्या पर विश्वास से ही आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। मनुष्य जीवन में कर्म आत्मा को निहार कर परख कर छोडऩे का संदेश देते हैं। पाप कर्मों की निर्जरा के बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है। कर्मों की निर्जरा कर जीवन को पवित्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के मन में समाज के प्रति पीड़ा और प्यार है। यही हमारी भारतीय संस्कृति है। हमारी संस्कृति संस्कार सभ्यता इसके बल पर धर्म अध्यात्म का रास्ता मजबूत होता है। आत्मा को सुख मिलना चाहिए संत भगवान नहीं इंसान है। इंसान भी समाज के मध्य से ही आया है।

*आज होगे उखेड़ेगे उपाध्यायश्री केशलोच, शाम को लगेगी मुख्य इंद्रा इंद्राणी को मेंहदी और हल्दी*

अयोजन समिति के मीडिया प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया  08 फरवरी गुरुवार को मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज अपने हाथो से सिर और दाढ़ी के केशलोचन प्रातः 8:00 बजे करेगे। केश लोच के बाद मंगल प्रवचन प्रातः 9:00 बजे होगे। प्रतिमा तिलकदान प्रातः 9:30 बजे से होगा। वही शाम को हल्दी और मेहंदी मुख्य पात्रों को सांय 7:30 बजे स्थान श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर महावीर पुरा डबरा में कार्यकम आयोजित होगे।

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