Madhya Pradesh News: सरकारी व्यवस्था से परेशान किसान ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। हालांकि, इससे ठीक पहले उसे चक्कर आया और वह कमिश्नर दफ्तर की सीढ़ियों से गिर गया। इसके बाद कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
मंगलवार को जनसुनवाई में एक किसान कमिश्नर दफ्तर पहुंचा और आवेदन देते हुए बताया कि उसकी निजी जमीन को पटवारी ने बंटवारा कर परिवार के अन्य सदस्यों के नाम कर दिया है। आवेदन में किसान ने यह भी बताया कि वह इस मामले की कई बार शिकायत कर चुका है, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे वह परेशान है और अगर आज से 7 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो वह अपने पूरे परिवार के साथ कमिश्नर दफ्तर के गेट के सामने आत्महत्या कर लेगा।
किसान ने कमिश्नर दफ्तर में जनसुनवाई कक्ष में मौजूद मैडम को आवेदन दिया, लेकिन मैडम ने सरकारी व्यवस्था से काम चला लिया। मैडम ने किसान का आवेदन पत्र बिना पढ़े ही ले लिया और एक तरफ रख दिया। जिसके बाद किसान ने मैडम से निवेदन करते हुए कहा कि मैडम कृपया आवेदन को ध्यान से देख लें, मैंने कई बार ऐसे आवेदन दिए हैं, लेकिन मैडम ने जवाब दिया कि मैं जाकर देखती हूं। यह सुनकर किसान निराश हो गया और उसे समझ आ गया कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
किसान ने आवेदन में उल्लेख किया था कि वह 7 दिन बाद कमिश्नर कार्यालय के गेट के सामने अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर लेगा, लेकिन सरकारी व्यवस्था को देखकर किसान ने तुरंत अपना इरादा बदल दिया और वहां से पेट्रोल टंकी के पास निकल गया और खाली बोतल में पेट्रोल और हाथ में लाइटर लेकर दोबारा कमिश्नर कार्यालय पहुंच गया और दोपहर 2 बजे का इंतजार करने लगा। 2 बजे जैसे ही वह आत्महत्या करने की तैयारी करने लगा तो अचानक किसान को कमिश्नर कार्यालय की सीढ़ियों पर चक्कर आने लगा और वह गिर गया। इसके बाद कमिश्नर कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार कोडाली रामपुर अनूपपुर निवासी बृजराज जोगी ने बताया कि वह पिछले एक साल से परेशान है। आवेदन में पीड़ित 57 वर्षीय बृजराज जोगी ने कहा कि यदि 7 दिन के अंदर जांच नहीं हुई तो पूरा परिवार दोपहर 2 बजे कार्यालय के सामने आत्महत्या कर लेगा। लेकिन कार्यालय में पीड़ित को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके कारण उसे यह आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।