छत्तीसगढ़ की जेलों की स्थिति सुधारने के लिए ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है, जिसकी शुरुआत रायपुर सेंट्रल जेल से होगी। इस अभियान के तहत हिस्ट्रीशीटर और आदतन अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और जेल में मुलाकात करने आने वालों की गतिविधियों पर भी सख्ती बरती जाएगी। जेल परिसर में बिना टोकन के प्रवेश भी वर्जित रहेगा।
रायपुर. छत्तीसगढ़ की जेलों की बिगड़ती स्थिति को सुधारने के प्रयास तेज हो गए हैं. जेल विभाग के डीजी हिमांशु गुप्ता ने अब प्रदेश की जेलों को बेहतर बनाने के लिए ऑपरेशन क्लीन चलाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल इस ऑपरेशन की शुरुआत रायपुर सेंट्रल जेल से की जाएगी. बाद में इसे पूरे प्रदेश की जेलों में लागू किया जाएगा.
जेल अफसरों ने बताया कि जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर और आदतन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि जेल की चारदीवारी के भीतर कोई वारदात न हो सके. इसके साथ ही हिस्ट्रीशीटर से मिलने आने वाले लोगों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी.
अभी तक कैदियों से मिलने के लिए जेल परिसर में रिश्तेदारों, दोस्तों आदि की भीड़ लगी रहती है। इस पर भी सख्ती बरती जाएगी। बिना टोकन के परिसर में घूमने वालों को पकड़कर थाने के हवाले किया जाएगा। हाल ही में जेल के बाहर हुई फायरिंग की घटना के बाद जेल प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन क्लीन चलाने का फैसला किया है।
जेल की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अब हर सप्ताह कोठरियों और बैरकों की सफाई की जाएगी। इससे संदिग्ध वस्तुओं को आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा। जेल अधिकारियों के अनुसार हर सप्ताह रविवार को अधिकारियों की मौजूदगी में ऑपरेशन क्लीन चलाया जाएगा और कैदियों की बैरकों को खाली करके साफ किया जाएगा। इसके पीछे मकसद यह है कि कैदियों की बैरकों की सफाई के साथ ही प्रतिबंधित वस्तुओं को भी आसानी से बाहर निकाला जा सके। ऑपरेशन क्लीन शुरू करने के लिए जेल डीजी हिमांशु गुप्ता भी लगातार जेलों का दौरा कर रहे हैं।
जेल की बैरकों के औचक निरीक्षण के दौरान कई चम्मच भी मिले हैं, जिन्हें हिस्ट्रीशीटर कैदियों ने चाकू की तरह धारदार बनाकर छिपा रखा था। इतना ही नहीं तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और अन्य संदिग्ध वस्तुएं भी बरामद हुई हैं।
जेल प्रशासन ने कैदियों के परिजनों के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत परिजन कैदियों से हर सप्ताह में एक बार ही मुलाकात कर सकेंगे। मुलाकाती कक्ष में आने वाले व्यक्ति को टोकन दिया जाएगा। इसी आधार पर बारी-बारी से मुलाकात कराई जाएगी। अभी तक कैदियों से कोई भी मिलने आ सकता था, इस पर रोक लगाने के लिए जेल प्रशासन परिजनों व दोस्तों का आईडी प्रूफ लेकर उसका सत्यापन करने के बाद ही मुलाकात की अनुमति देगा। इसके अलावा बिना टोकन के किसी को भी परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।