Indore News: विशेष न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद मिश्रा की कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद आबकारी ठेके में करोड़ों की कूटरचित एफडी जमा कराकर शासन को चूना लगाने वाले आरोपी मोहन कुमार पिता सुदेश्वर निवासी मरसाना, कर्नाटक की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
आरोपी की ओर से मेडिकल ग्राउंड पर दूसरी बार अस्थाई जमानत याचिका लगाई गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्याम दांगी ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क में कहा कि इसे जमानत दी गई तो फरार हो जाएगा। इसका नियमित जमानत आवेदन पूर्व में जिला कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक से निरस्त हो चुका है।
आरोपी और उसके साथी के विरुद्ध रावजी बाजार थाने पर धोखाधड़ी की धाराओं में अपराध दर्ज है। आबकारी विभाग के समक्ष प्रतिभूति के रूप में इनकी कम्पनी द्वारा करीब साढ़े सात करोड़ की कूट रचित एफडी (फिक्स डिपाजिट) प्रस्तुत किए जाने के आरोप है जिसमे इसका साथी आरोपी अनिल सिन्हा अभी भी फरार है। इनके द्वारा मप्र सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है।
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वहीं आरोपी ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उस पर दर्ज अन्य अपराधो के मामले में वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहां उसे अन्य केस में अस्थाई जमानत दी गई है। वह कई बीमारियों से ग्रसित है और मृत्युशैया पर है। वह निजी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना चाहता है। इसलिए उसे अंतरिम जमानत दी जाए।
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दोनों पक्षों के तर्क सुन तिहाड़ जेल के अस्पताल द्वारा पेश मेडिकल रिपोर्ट का भी अवलोकन करते के बाद कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल ग्राउंड पर आरोपी को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुए उसका आवेदन निरस्त करते अपने निर्णय में यह उल्लेख किया कि इस मेडिकल रिपोर्ट से आरोपी के आवेदन में वर्णित तथ्य समर्थित होना प्रतीत नहीं होता है।