Indore News: नदी से अतिक्रमण हटाकर इंदौर में जलभराव की समस्या का भी समाधान किया जाएगा। सिंह ने बताया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अतिक्रमण हटाने को कहा है। सर्वे के बाद 1500 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। चार साल बाद उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ मेले के लिए शिप्रा नदी के शुद्धिकरण की शुरुआत इंदौर से होगी।
कान्ह और सरस्वती नदियां शिप्रा में मिलती हैं और ये दोनों नदियां शिप्रा को सबसे ज्यादा प्रदूषित करती हैं। इंदौर नगर निगम दोनों नदियों को प्रदूषण से मुक्त करेगा। 500 करोड़ रुपए की लागत से ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। इसके लिए इसके आसपास से अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे। कलेक्टर आशीष सिंह ने अतिक्रमण हटाने के लिए अफसरों की बैठक भी ली है नदी के आसपास 30 मीटर तक अतिक्रमण हटाया जाएगा।
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इंदौर के कबीटखेड़ी क्षेत्र में 200 करोड़ की लागत से 300 एमएलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है, लेकिन शहर निरंजनपुर, लसूड़िया, मांगलिया तक फैल चुका है और वहां भी सीवेज का पानी नदी में मिल रहा है। इन क्षेत्रों में है अतिक्रमण करबला पुल से मच्छी बाजार तक नदी के दोनों ओर अतिक्रमण है। इनमें जवाहर नगर, काटजू कॉलोनी, बारा भाई बस्ती शामिल हैं।
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सबसे ज्यादा अतिक्रमण स्वदेशी मिल से भागीरथपुरा बस्ती तक किया गया है। इस कॉलोनी को प्रशासन ने नोटिस भी दिया है। इसके अलावा कुलकर्णी भट्टा क्षेत्र में नदी के दोनों ओर 300 से ज्यादा अतिक्रमण हैं। मध्य क्षेत्र में कान्ह नदी पर चंपा बाग, रानीपुरा, टोडा बस्ती, श्यामाचरण शुक्ल नगर, शिवशक्ति नगर, छावनी में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है, जिसे अब हटाया जाएगा।