Bhopal News: अस्पताल के बेटे ने कार से साइकिल सवार को मारी टक्कर 10 फीट लंबे युवक की बाइक से कूदने पर मौत हो गई। वहीं, अस्पताल के बच्चों ने सर्जरी भी की।
राजधानी भोपाल में शुक्रवार रात चेतक ब्रिज के गौतम नगर मोड़ पर एक बाइक सवार को सामने से आ रही तेज रफ्तार मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार दस फीट लंबा युवक सड़क पर गिर गया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोग उसे गंभीर हालत में पास के सिटी अस्पताल ले गए, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के पड़ोसी और पड़ोसी सिटी अस्पताल व अस्पताल पर समय पर इलाज न देने का आरोप लगाया तो अस्पताल में भर्ती मरीज के बेटों ने हवाई फायरिंग कर भीड़ बना ली और कई लोगों को घायल कर दिया। गोविंदपुरा पुलिस अब मृतकों के साथ आतंकियों की भी जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अस्पताल के डॉ. सब्यसाची गुप्ता ने बताया कि बेटे ने खिलौने वाली बंदूक से गोली चलाई थी। पुलिस ने जांच में पूरे मामले का खुलासा किया है। मृतक के बेटे को अस्पताल में बंधक बनाए जाने के बाद मामला गंभीर हो गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। अस्पताल संचालक के बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर, हादसा करने वाली कार में 11वीं का नाबालिग छात्र आ रहा था। हादसे के बाद मौके पर जुटी भीड़ ने छात्रों की शिकायत कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने किशोर को हिरासत में लेकर कार जब्त कर ली है।
गोविंदपुरा पुलिस के मुताबिक मोनू (20) पुत्र राकेश चौधरी विकास नगर गोविंदपुरा का रहने वाला था। वह एमपी नगर स्थित एक शॉपिंग मॉल में काम करता था। शुक्रवार रात करीब 8 बजे वह बाइक से घर लौट रहा था। राकेश चेतक ब्रिज से उतरकर शांति निकेतन की ओर जा रहा था। इसी दौरान सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वह हवा में उछलकर सड़क पर गिर गया और घायल हो गया। मृतक को अस्पताल के पास स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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राकेश परिवार का इकलौता बेटा था, उसकी एक छोटी बहन है। पुलिस ने मोटरसाइकिल सवारों की पिटाई कर दी। मोसिकी में परमाणु पुलिस ने चालक दल को हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि नाबालिग नाबालिग है और बारहवीं कक्षा का छात्र है। वह न्यू सुभाष नगर का रहने वाला बताया जा रहा है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के वक्त कार में नाबालिग के कई अन्य दोस्त भी थे, जो घटना के बाद मौके से भाग गए।
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अस्पताल के बेटे ने मृतक के मासूम को दिए तीन से चार कैप्सूल विशाल श्रीवास ने बताया कि बच्चे को सिटी मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल लाया गया था, लेकिन उन्होंने समय पर उसका इलाज नहीं किया। जब इसका विरोध किया गया तो अस्पताल के बेटों ने तीन से चार गोलियां चलाईं। हालांकि सभी गोलियां हवा में चलीं, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ। लेकिन अस्पताल के मरीजों के बेटों पर लोगों पर फायरिंग और जेल भेजने का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।