मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई के दौरान लगातार अदालत से अनुपस्थित रहने पर मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान लगातार अदालत से अनुपस्थित रहने पर मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रज्ञा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर ठाकुर ने अदालती कार्यवाही में भाग नहीं लिया है। पिछले एक महीने में विशेष अदालत द्वारा प्रज्ञा के खिलाफ यह दूसरा वारंट जारी किया गया है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश लोहाटी ने कहा कि ठाकुर पुराने आदेश के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुई हैं। इसके चलते उनके खिलाफ एक और जमानती वारंट जारी किया जा रहा है। दरअसल, अदालत ने इसी महीने 5 नवंबर को प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन अदालती रिकॉर्ड में पुराना पता होने के कारण यह समय पर प्रज्ञा ठाकुर तक नहीं पहुंचा।
इसके बाद कानूनी तौर पर ठाकुर के नए पते को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के नाम एक और जमानती वारंट जारी किया गया। वकील ने मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया
प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पूर्व सांसद का भोपाल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिसके चलते वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकीं। इस दौरान वकील ने कोर्ट में प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की।
जज ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ 10 हजार रुपये का नया जमानती वारंट जारी कर उन्हें 2 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।
29 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस ब्लास्ट में प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य के खिलाफ ब्लास्ट में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया था। शुरुआत में इस मामले की जांच एटीएस महाराष्ट्र कर रही थी, लेकिन बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया।