Bhopal News: राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अब आम लोग भी किडनी ट्रांसप्लांट करा सकेंगे. अस्पताल की एक सफाईकर्मी मां ने अपनी किडनी देकर अपने बेटे की जान बचाई है
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कराना बेहद आसान हो गया है. हमीदिया अस्पताल में सफाईकर्मी का काम करने वाली अनीता ने अपनी किडनी देकर अपने 20 साल के बेटे की जान बचाई है. दरअसल, युवक काफी समय से किडनी की समस्या से जूझ रहा था. हाइपरटेंशन के इलाज के दौरान उसे किडनी में दिक्कत का पता चला. लगातार इलाज के बाद भी किडनी ठीक नहीं हुई. करीब एक साल पहले उसे डायलिसिस पर शिफ्ट करना पड़ा. हालांकि डायलिसिस के बावजूद उसकी परेशानी बढ़ती जा रही थी. ऐसे में डॉक्टरों ने उसे किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण ट्रांसप्लांट संभव नहीं लग रहा था. डॉक्टर ने दिखाई दिलचस्पी, और मां ने दिखाई हिम्मत
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मरीज की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण किडनी ट्रांसप्लांट करना मुश्किल लग रहा था। क्योंकि निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट में 10 लाख रुपए तक का खर्च आता है। युवक की मां ने जब हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों को अपनी समस्या बताई तो डॉक्टरों ने कहा कि तुम हिम्मत रखो, हम तुम्हारा मुफ्त में ट्रांसप्लांट करेंगे। और महिला ने हिम्मत दिखाई और बच्चों को अपनी किडनी दान करने का फैसला किया। इसके बाद डॉक्टर ने निशुल्क आयुष्मान योजना के तहत सफल ट्रांसप्लांट किया। अब मां और बेटा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं, उन्हें जल्द ही छुट्टी मिल जाएगी।
डॉक्टर ने दिखाई दिलचस्पी, और मां ने दिखाई हिम्मत
मरीज की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण किडनी ट्रांसप्लांट करना मुश्किल लग रहा था। क्योंकि निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट में 10 लाख रुपए तक का खर्च आता है। युवक की मां ने जब हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों को अपनी समस्या बताई तो डॉक्टरों ने कहा कि तुम हिम्मत रखो, हम तुम्हारा मुफ्त में ट्रांसप्लांट करेंगे। और महिला ने हिम्मत दिखाई और बच्चों को अपनी किडनी दान करने का फैसला किया। इसके बाद डॉक्टर ने निशुल्क आयुष्मान योजना के तहत सफल ट्रांसप्लांट किया। अब मां और बेटा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।