इससे पहले अगस्त माह में बीसलपुर बांध 6 बार ओवरफ्लो हो चुका है। बांध से पानी की निकासी के बाद टोंक प्रशासन बनास नदी की डाउन स्ट्रीम में अलर्ट मोड पर है। जिले में बनास नदी की ओर जाने वाले 10 मुख्य मार्गों पर यातायात रोक दिया गया है।
बिसलपुर बांध टोंक: राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने के बाद शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कराई। बांध के दो गेट संख्या 9 और 10 खोले गए हैं। 26 साल में यह पहला मौका है जब सितंबर माह में बांध के गेट खोले गए हैं। इससे पहले बांध के गेट हमेशा अगस्त माह में खोले जाते रहे हैं।
शुक्रवार सुबह बांध का जलस्तर अपनी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 मीटर पर पहुंच गया, जिसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर बांध के गेट खोले गए। इससे पहले बांध पर गुरुवार रात से ही अलर्ट सायरन की आवाज गूंजने लगी थी, वहीं प्रशासन ने बनास नदी से बहने वाले इलाकों में अनाउंसमेंट भी करवा दिया था।
इससे पहले अगस्त माह में ही बीसलपुर बांध 6 बार ओवरफ्लो हो चुका है। बांध से पानी छोड़े जाने के बाद टोंक प्रशासन बनास नदी के बहाव क्षेत्र में अलर्ट मोड पर है। टोंक जिले में बनास नदी की ओर जाने वाले 10 मुख्य मार्गों पर यातायात रोक दिया गया है। जिला कलेक्टर सौम्या झा ने बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर सभी विभागों को अलर्ट पर रखा है। आसपास के इलाकों में लोगों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इस मानसून सीजन में बीसलपुर बांध को भरने में इसकी सहायक नदियों खारी और दाई नदियों ने अहम योगदान दिया और यह पहला मौका था जब त्रिवेणी बनास नदी की बजाय खारी और दाई नदियों से ज्यादा पानी आया। राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफलाइन बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने के बाद सितंबर माह में बांध के गेट खोले गए थे। पिछले दिनों बांध के जलभराव वाले इलाकों में भारी बारिश के बाद गंभीरी, जेतपुरा और गोवटा बांध के गेट खोले गए थे और नाले का पानी तेजी से त्रिवेणी बनास नदी के सहारे बीसलपुर बांध में आ रहा है।