विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने पहले स्पेन दौरे पर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने अपने समकक्ष जोस मैनुअल अल्बेरेस से भी मुलाकात की। मंगलवार को जयशंकर ने मैड्रिड में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का हर देश भारत से बातचीत करना चाहता है। उन्हें लगता है कि आज के माहौल में भारत के साथ बेहतर संबंध रखना उनके हित में जरूरी है।
मैड्रिड। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक कद और चुनौतीपूर्ण समय में सार्थक सहायता प्रदान करने की उसकी क्षमता पर जोर दिया है। स्पेन की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-स्पेन संबंध महत्वपूर्ण प्रगति के शिखर पर हैं। स्पेन के राजनयिक समुदाय के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने बताया कि उन्हें स्पेन के विदेश मंत्री ने एक वैश्विक सम्मेलन में देश के राजदूतों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था।
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भारत के दबदबे का जिक्र भारत के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जब कोई विदेश मंत्रालय या राजदूत आपसे आकर बात करने के लिए कहता है तो यह सोचने वाली बात है कि ऐसा क्यों हो रहा है।' विदेश मंत्री ने नए भारत का जिक्र करते हुए कहा कि हम वैश्विक स्तर पर आर्थिक मजबूती और नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, 'आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जो तीसरी सबसे बड़ी बनने की ओर अग्रसर है।'
जयशंकर ने कहा कि भारत को आज वैश्विक बातचीत में योगदानकर्ता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा, 'बहुत कम देश हैं जो रूस के साथ-साथ यूक्रेन से भी बात कर सकते हैं। पीएम मोदी रूस के साथ-साथ यूक्रेन भी गए। बहुत कम देश ईरान और इजरायल दोनों से बात कर सकते हैं।'
जयशंकर ने कहा कि 'पीएम मोदी ऐसा कर सकते हैं। हम क्वाड के साथ-साथ ब्रिक्स का भी हिस्सा हैं।' जयशंकर ने अफ्रीका को जी-20 में शामिल करने की वकालत करने में भारत के प्रयासों का जिक्र किया और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की भूमिका का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'अगर आप दुनिया में जाएंगे, तो 100 देश हैं जो कहते हैं कि अगर हमें वैक्सीन मिली, तो यह भारत की वजह से मिली। मुझे याद है कि राष्ट्रपति सांचेज ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति के लिए पीएम मोदी को फोन किया था।'
विदेश मंत्री ने कहा कि 'मुश्किल वक्त में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो अलग-अलग पक्षों से बात करने और उनकी मदद करने के लिए तैयार है। यहां बात पैसे या संसाधनों की नहीं है, बात दिल और दिमाग की है, पुल के तौर पर भरोसेमंद होने की है।'