- चक्रवात दाना से ओडिशा-बंगाल में हड़कंप, जगन्नाथ मंदिर बंद; CM माझी ने मंत्रियों को भी काम पर लगाया

चक्रवात दाना से ओडिशा-बंगाल में हड़कंप, जगन्नाथ मंदिर बंद; CM माझी ने मंत्रियों को भी काम पर लगाया

चक्रवात दाना अपडेट: चक्रवात दाना के मद्देनजर ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क में सूर्य मंदिर को बंद कर दिया गया है।

चक्रवात दाना अपडेट: बंगाल की खाड़ी में कम दबाव बनने के कारण चक्रवात दाना के खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारें सतर्क हो गई हैं। चक्रवात दाना के कारण ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क में सूर्य मंदिर को बंद कर दिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह चक्रवात 24 अक्टूबर की रात और 25 अक्टूबर की सुबह के बीच भितरकनिका पार्क और धामरा पोर्ट के बीच ओडिशा के तट से टकरा सकता है।

ओडिशा के कई जिलों में बारिश का रेड अलर्ट

IMD ने जानकारी दी है कि चक्रवात दाना के दौरान हवाओं की गति 100 से 110 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, जो कभी-कभी 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके कारण ओडिशा के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के स्मारकों, मंदिरों और संग्रहालयों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा राज्य के गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकनाल, जाजपुर, अंगुल, खोरधा, नयागढ़ और कटक जिलों में सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। चक्रवात के चलते सुरक्षा की दृष्टि से ओडिशा सरकार ने मयूरभंज जिले में सिमलीपाल टाइगर रिजर्व और केंद्रपाड़ा जिले में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

ओडिशा के सीएम ने मंत्रियों को काम पर लगाया

चक्रवाती तूफान दाना को देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। माझी ने पहले ही मंत्रियों को चक्रवात से प्रभावित जिलों में चक्रवात प्रबंधन की निगरानी करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वैन जगतसिंहपुर जिले की निगरानी करेंगे, पंचायती राज मंत्री रबी नायक बालासोर की निगरानी करेंगे, उच्च शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी को भद्रक में तथा शहरी विकास मंत्री के.सी. महापात्रा को मयूरभंज जिले की निगरानी सौंपी गई है।

सेना, नौसेना और तटरक्षक बल ने कमान संभाली

आपदा प्रबंधन के लिए ओडिशा में 20 और पश्चिम बंगाल में 14 एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की अतिरिक्त बचाव टीमें, जहाज और विमान भी तैयार रखे गए हैं। ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य भर में 5,000 से अधिक राहत केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में लोगों के लिए पानी, भोजन, बच्चों के लिए दूध और दवाओं की व्यवस्था की गई है।

200 से अधिक ट्रेनें रद्द

ओडिशा सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए छह अनुभवी आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया है और विभिन्न जिलों में 288 बचाव दल तैनात किए गए हैं। 14 जिलों के स्कूलों और कॉलेजों को अगले तीन दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा राज्य में 200 से अधिक ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं।

पश्चिम बंगाल में भी संभावित आपदा की आशंका के चलते प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना में सतर्कता बरती जा रही है और प्रशासन माइक के जरिए लोगों को चक्रवात के बारे में जानकारी दे रहा है। दक्षिण 24 परगना के नामखाना, सागर द्वीप, पाथरप्रतिमा, बक्खाली समेत विभिन्न तटीय इलाकों में यह जानकारी दी जा रही है। एक कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है।

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