- जम्मू कश्मीर: गंदेरबल में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

जम्मू कश्मीर: गंदेरबल में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

जम्मू कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल में रविवार रात हुए आतंकी हमले में अब तक सात लोगों की मौत हो गई है। इस हमले में मारे गए शशि अबरोल के परिजन गमगीन हैं।

जम्मू कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल में रविवार रात हुए आतंकी हमले में अब तक सात लोगों की मौत हो गई है। इस हमले में मारे गए शशि अबरोल के परिजन गमगीन हैं। जब से मृतक की मां को अपने बेटे की मौत की सूचना मिली है, मां समेत सभी परिवार के लोग रो रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए उनकी मां ने कहा, मुझे इस घटना की जानकारी सुबह मिली। रात को हमें कुछ पता नहीं था। मुझे कहा गया था कि सुबह कुछ पता चलेगा। सुबह अखबार और टीवी में भी आया। मेरा बेटा कुछ दिन पहले ही गया था। उसके बाद वह दिवाली पर घर आने वाला था।

'मेरी बहू ने उसके लिए व्रत रखा था'

मृतक शशि अबरोल की मां ने आगे कहा कि मेरी बहू ने उसके लिए व्रत रखा था। कल उसका व्रत था। आज भी उसने खाना नहीं खाया है। उसकी एक छोटी बच्ची है। वह पूछती है कि मेरे पिता कहां हैं, मुझे उनसे बात करने दो। वह रो रही है और चिल्ला रही है। मृतक की मां शशि अबरोल ने आगे कहा, मैं भारत सरकार से भी अपील करती हूं क्योंकि मेरे घर में कोई कमाने वाला नहीं है।

'मेरे दोनों हाथ काट दिए गए'

मृतक के पिता जगदीश राज अबरोल ने कहा कि जब वह करवा चौथ की पूजा के दौरान अर्घ दे रहे थे, तब हमें इस घटना के बारे में पता चला। सरकार हमेशा कहती है कि वह आतंकवादियों को खत्म कर देगी, लेकिन कुछ नहीं करती। मेरे दोनों हाथ काट दिए गए। मेरा बेटा दिवाली पर घर आने वाला था।

'वह अपनी आजीविका कैसे चलाएगा'

मृतक की बहन का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उसने कहा, मैंने पिछले कई दिनों से अपने भाई से बात नहीं की है। मेरे भाई के घर में कोई कमाने वाला नहीं है। उसकी एक छोटी बच्ची है। वह अपनी आजीविका कैसे चलाएगा। जिस कंपनी में वह काम करता था, उसने फोन नहीं किया। न ही उसने कुछ बताया।

'अब हम सरकार से क्या मांगें?'

 

मृतक शशि अबरोल की छोटी भाभी भी बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा, शशि ने रविवार शाम 6.30 बजे के बाद अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात की थी। उसके बाद से उनकी कोई खबर नहीं है। उनकी एक छोटी बेटी और एक बेटा है। उनकी पत्नी के पति अब इस दुनिया में नहीं रहे। अब हम सरकार से क्या मांगें? सरकार उन्हें आजीविका का कोई साधन मुहैया कराए। उनके घर का कमाने वाला चला गया।

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