आगरा से दिल्ली के बीच बनने वाले 121 किलोमीटर लंबे सिओम यूपी लेन ग्रीनफील्ड प्लांट के लिए नॉटिकल एक्सप्रेसवे का निर्माण 11 महीने और 19 महीने में पूरा किया जाना था। लेकिन एक्सप्रेसवे के लिए टेंडर नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से एक्सप्रेसवे के निर्माण में देरी हो रही है और निर्माण नहीं हो पा रहा है।
ग्वालियर से आगरा तक एक घंटे, दिल्ली तक ढाई घंटे और उत्तराखंड तक साढ़े पांच घंटे में पहुंचाने के लिए प्रस्तावित ग्वालियर-आगरा सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की टेंडर प्रक्रिया में पूरा साल निकल जाएगा।
नेशनल आर्किटेक्चर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने 3841 करोड़ रुपये की लागत से 88.400 किलोमीटर लंबे छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण और मौजूदा 121 किलोमीटर लंबे भारत फोरलेन इंटरप्राइजेज के पट्टे के लिए पांच जनवरी 2024 को टेंडर जारी किया था। पहले तो केंद्र सरकार के रवैये के कारण टेंडर की तिथि बढ़ा दी गई। इसके बाद मामला जमीन अधिग्रहण में उलझा हुआ है।
इसकी वजह यह है कि पिछले 11 महीनों में खिलाड़ियों की तिथियों में 19 बार संशोधन किया जा चुका है, जबकि 17 बार तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए संशोधन किए गए हैं। अब एनएचएआई ने टेंडर के लिए 3 दिसंबर की तिथि तय की है, लेकिन टेंडर 90 फीसदी भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद ही जारी किया गया। ऐसे में अगले साल किसी दूसरी कंपनी में काम शुरू होने की उम्मीद है। काम शुरू करने के 30 महीने बाद कंपनी फिलहाल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस के साथ मिलकर काम शुरू करेगी। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है और पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं।
कंपनी काम शुरू होने के 30 महीने बाद ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर काम शुरू करेगी। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है और पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं।