इस्लामिक काउंसिल ऑफ पाकिस्तान (सीओआई) ने कहा है कि वीपीएन तकनीक किसी भी यूजर को अपनी पहचान और लोकेशन छिपाने की अनुमति देती है। ये लोग गैर-इस्लामिक काम करते हैं। यही वजह है कि इस नाटक को हराम घोषित किया गया है। सीओआई ने यूक्रेन में ईशनिंदा वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन किया है।
इस्लामाबाद (पाकिस्तान में इंटरनेट)। पाकिस्तान में इंटरनेट को लेकर समस्या जारी है। सरकार ने हाल ही में साइबर सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी उपभोक्ताओं के लिए अपने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) को पाकिस्तान टेलीकॉम कंपनियों (पीटीए) के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है।
अब पाकिस्तान में धार्मिक मामलों पर शीर्ष सलाहकार संस्था काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क इयाली डेमोक्रेटिक का विरोध किया है। संस्था का कहना है कि इंटरनेट पर प्रतिबंधित सामग्री देखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्लाम के खिलाफ है। ऐसे गैर-इस्लामिक दस्तावेज के खिलाफ फतवा भी जारी किया गया है।
यह नियम शुक्रवार से पाकिस्तान में लागू हो गया है। पाकिस्तान सरकार के कानूनी विभाग का कहना है कि पोर्नोग्राफी के साथ-साथ आर्थिक अपराध को रोकने के लिए इसे अनिवार्य बनाया गया है।
पाकिस्तान सरकार यहां तक दावा कर रही है कि इससे जुड़ी सामूहिक साजिश को भी रोका जा सकेगा। हाल ही में गृह मंत्रालय के निर्देश पर पाकिस्तान कॉन्ट्रैक्टर (पीटीए) ने कई स्मारकों के ब्लॉक तक पहुंच की अनुमति दी थी।
पीटीए का दावा है कि पाकिस्तानियों ने कम से कम पांच अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए उनकी प्रतिबंधित वेबसाइटों का इस्तेमाल किया है। यहां कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संपर्क किया गया है।
पाकिस्तान में इंटरनेट बैन पर अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है। ज़्यादातर लोगों का मानना है कि फिलिस्तीनी लोग इंटरनेट बंद करने के लिए पाकिस्तान सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं।
अमेरिकी थिंक-टैंक के उपाध्यक्ष डेनियल कास्त्रो का मानना है कि पाकिस्तान में इंटरनेट बैन से सरकार को राजनीतिक ताकत मिल सकती है, लेकिन यह समाजवादी विचारधारा से जुड़ा बैन बन सकता है।