- इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन के लिए तीन जिलों के 77 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी

इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन के लिए तीन जिलों के 77 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी

रेल मंत्रालय ने इंदौर मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी इलाकों से होकर गुजरेगी। यह रेल लाइन क्षेत्र के करीब 1 हजार गांवों की 30 लाख आबादी को रेल सेवाओं से जोड़ेगी। इससे इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी घटकर 568 किलोमीटर रह जाएगी।

इंदौर (इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना)। बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना में अब जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। इस परियोजना में रेल लाइन मप्र के तीन जिलों के 77 गांवों से होकर गुजरेगी।

 हाल ही में रेल मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहित करने के लिए गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया है। अब जिले के राजस्व अधिकारियों ने जमीन का आंकलन शुरू कर दिया है, ताकि जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो और रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो सके।

आपको बता दें कि इस नई रेल लाइन के खुलने से पहली बा

र धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी इलाकों से ट्रेनें गुजरेंगी। इस परियोजना से करीब एक हजार गांवों और 30 लाख आबादी को रेल सेवाओं से सीधा संपर्क मिलेगा।

16 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलेंगी

परियोजना पूरी होने पर 16 जोड़ी यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, जिसमें शुरुआती वर्षों में 50 लाख यात्री सफर करेंगे। इस परियोजना से रेलवे को हर साल 900 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा। इंदौर से मुंबई की दूरी भी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।

 नई रेल लाइन खरगोन, धार और बड़वानी जिले से होकर गुजरेगी। बड़वानी जिले के 39 गांव, धार जिले के 28 गांव और खरगोन जिले के 10 गांवों में रेल लाइन बिछाई जाएगी। अब राजस्व विभाग जिला स्तर पर इन गांवों की जमीन का आकलन करेगा।

 

इसके बाद पश्चिम रेलवे जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के मनोज मराठे ने बताया कि इस परियोजना के लिए पिछले कई सालों से संघर्ष चल रहा है। इस परियोजना को अगले पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इन गांवों की जमीन का उपयोग किया जाएगा

  • धार जिला: राती तलाई, सेवारी माल, सराय तालाब, आँवलिया, चुंडीपुरा बीके, बियाघाटी, आँलीपुरा, जामदा, झाडीबड़ौदा, जलवे, नागझिरी, लुन्हेराखुर्द, सुंद्रेल, पटलावद, भिखरोन, पंधानिया, ग्यासपुर खेड़ी, एकलरा खुर्द, एकलरा, दूधी, भोंदल , चिक्त्यावाड, सिरसोदिया, डुंगी, कोथिडा, चौकी, भारुदपुरा बीके और भारुदपुरा।
  • बड़वानी जिला: सोलवान, मालवन, मालवन बीके, भामन्या, बावड़ा, आजनगांव, आजनगांव बीके, नवलपुरा, बनिहार, गोई, कलालदा, जामली, सालीकलां, नांदेड़, मातामुर, बालसमुद, ओझर, सांगवी नीम, देवला, जुलवानिया रोड, निहाली, छोटी खरगोन, वासवी, कुसमारी, मुंडला, रेलवा बुजुर्ग, बंजारी, खजूरी, बघारी, घाटी, अजंदी, हसनखेड़ी, सिकंदर खेड़ी, सेगवाल, उमरदा, शेरपुरा, जरवाह और जरवाह बीके।
  • खरगोन जिला: जारोली, औरंगपुरा, नागंवा, कोठड़ा, ज्ञानपुरा, मोहिदा, मक्सी, भेड़ल्याबाड़ा, नीमगढ़ और कुसुंभ्या।
    यहां से गुजरेगी रेलवे लाइन

नई रेलवे लाइन महू से धार, धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव होते हुए मनमाड़ पहुंचेगी। पूरे प्रोजेक्ट में 30 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

महत्वपूर्ण बातें इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से जुड़ी

  •  309 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी।
  •  लागत 16 हजार 320 करोड़ रुपए।
  • परियोजना 2028-29 तक पूरी हो जाएगी।
  •  रेलवे लाइन मप्र के चार जिलों से होकर गुजरेगी।
  •  30 लाख की आबादी को होगी सुविधा रेल सेवाओं से सीधा संपर्क होगा।
  • 16 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलाई जाएंगी।
  • सबसे छोटा रेल मार्ग इंदौर-मुंबई के बीच बनाया जाएगा।

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