रेल मंत्रालय ने इंदौर मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी इलाकों से होकर गुजरेगी। यह रेल लाइन क्षेत्र के करीब 1 हजार गांवों की 30 लाख आबादी को रेल सेवाओं से जोड़ेगी। इससे इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी घटकर 568 किलोमीटर रह जाएगी।
इंदौर (इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना)। बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना में अब जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। इस परियोजना में रेल लाइन मप्र के तीन जिलों के 77 गांवों से होकर गुजरेगी।
हाल ही में रेल मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहित करने के लिए गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया है। अब जिले के राजस्व अधिकारियों ने जमीन का आंकलन शुरू कर दिया है, ताकि जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो और रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो सके।
आपको बता दें कि इस नई रेल लाइन के खुलने से पहली बा
र धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी इलाकों से ट्रेनें गुजरेंगी। इस परियोजना से करीब एक हजार गांवों और 30 लाख आबादी को रेल सेवाओं से सीधा संपर्क मिलेगा।
परियोजना पूरी होने पर 16 जोड़ी यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, जिसमें शुरुआती वर्षों में 50 लाख यात्री सफर करेंगे। इस परियोजना से रेलवे को हर साल 900 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा। इंदौर से मुंबई की दूरी भी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।
नई रेल लाइन खरगोन, धार और बड़वानी जिले से होकर गुजरेगी। बड़वानी जिले के 39 गांव, धार जिले के 28 गांव और खरगोन जिले के 10 गांवों में रेल लाइन बिछाई जाएगी। अब राजस्व विभाग जिला स्तर पर इन गांवों की जमीन का आकलन करेगा।
इसके बाद पश्चिम रेलवे जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के मनोज मराठे ने बताया कि इस परियोजना के लिए पिछले कई सालों से संघर्ष चल रहा है। इस परियोजना को अगले पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
नई रेलवे लाइन महू से धार, धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव होते हुए मनमाड़ पहुंचेगी। पूरे प्रोजेक्ट में 30 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे।