यह पूर्णकालीन गुरु पुष्य योग (गुरु पुष्य नक्षत्र) है, जो अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस योग में रवि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जो इसे और भी अधिक फलदायी बनाता है। यह दिन विवाह और शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।
इंदौर (गुरु पुष्य योग)। इस साल का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र 21 नवंबर गुरुवार को है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति में कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है। ऐसे में शुभ-अशुभ योग बनते रहते हैं।
ऐसे ही एक शुभ योग को पुष्य नक्षत्र कहते हैं। गुरु पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस पर शनि, बृहस्पति और मां लक्ष्मी का शुभ प्रभाव रहता है। यही वजह है कि पुष्य नक्षत्र खरीदारी और शुभ कार्यों के लिए बेहद शुभ होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र पर 21 नवंबर को सुबह 6:49 बजे से दोपहर 3:35 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य और खरीदारी की जा सकेगी। गुरुवार होने के कारण इसे गुरु पुष्य योग कहा जाएगा।
इसके अलावा इस दिन दोपहर 3:35 बजे से 22 नवंबर को सुबह 6:50 बजे तक रवि योग रहेगा। इसके अलावा अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो सुबह 6:49 बजे से दोपहर 3:35 बजे तक रहेगा।
पीली धातु जैसे सोना, पीला अनाज, पीले कपड़े, शुभ कार्यों का सामान, धार्मिक सामग्री, किताबें, साहित्य।
यह विशेष योग स्थिरता प्रदान करने वाला है। यह दिन भूमि, भवन, सोना, पीतल की मूर्तियां, मंदिर, पूजा की सामग्री, और गृह प्रवेश व मांगलिक कार्यों हेतु सामग्री की खरीदारी के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेगा। - पंडित विनोद गौतम, भोपाल