मध्य प्रदेश के सतना में एक हाथी की मौत की सूचना मिलते ही कलेक्टर मैहर और डीएफओ मौके पर पहुंचे और बिजली आपूर्ति काट दी गई। दरअसल शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के गांवों में उत्पात मचाने पर इन्हें खदेड़ा गया था। कई किलोमीटर तक छत्तीसगढ़ की सीमा में जाने के बाद ये वापस लौट गए। इनमें से एक हाथी सतना के रामपुर की ओर लौट गया।
शहडोल होते हुए जंगली हाथी मैहर के रामनगर पहुंच गए। सुबह करीब साढ़े चार बजे हाईटेंशन तार में फंसकर एक नर हाथी की मौत हो गई। सूचना मिलते ही कलेक्टर मैहर और डीएफओ मौके पर पहुंचे और बिजली सप्लाई बंद कराई गई।
वहीं, गोरखपुर, डिंडोरी में छत्तीसगढ़ गए हाथियों के एक समूह के जिले की सीमा में वापस आने से विभाग के साथ वनवासियों की चिंता और बढ़ गई है। पिछले एक पखवाड़े से हाथी करंजिया ब्लॉक के अलग-अलग गांवों में घूमकर उत्पात मचा रहे हैं, ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
ग्राम पंचायत चकमी के वनग्राम कपोती में बुधवार की रात हाथियों का दल आबादी के पास आ गया और दशरथ सिंह के खलिहान में रखी धान की फसल खा ली और काफी देर तक वहीं रहे। अंत में भोर में वे चकमी के जंगल में चले गए। ग्रामीणों ने बताया कि पूरे दिन से उनके यहां मौजूद होने की सूचना मिल रही थी।
बुधवार शाम की एक घटना का जिक्र क्षेत्र के लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया। गोपालपुर के साप्ताहिक बाजार से सामान खरीद-बेचकर ग्रामीण अंधेरे में चकमी जाने वाली सड़क से घर लौट रहे थे। तभी अचानक जंगल से हाथियों का झुंड उनके सामने आ गया।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्ना' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं। लिंक नीचे दिए गए हैं।
सभी लोग अपना सारा सामान और दोपहिया वाहन वहीं छोड़कर भाग गए, तब जाकर उनकी जान बची। इसी तरह वनग्राम कपोटी के ग्रामीण राजू सिंह धुर्वे ने बताया कि पिछले दिनों वे लोग सड़क किनारे अलाव जलाकर बैठे थे। सूरज ढलने वाला था तभी हाथियों का एक समूह हमारे घर के पास आ गया। हाथियों को देखते ही लोगों में भगदड़ मच गई।