प्रताप चंद्र सारंगी प्रोफाइल: 70 वर्षीय बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी एक बार फिर चर्चा में हैं। आरोप है कि संसद भवन परिसर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई धक्का-मुक्की में सारंगी घायल हो गए। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सांसदों पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया है।
संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद गहरा गया है। अब यह मुद्दा बयानबाजी तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि धक्का-मुक्की तक पहुंच गया है। ओडिशा के सांसद प्रताप सारंगी का आरोप है कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिससे वह गिर पड़े और उनके सिर से खून बहने लगा।
प्रताप सारंगी एक जमीन से जुड़े सांसद और समाजसेवी के तौर पर जाने जाते हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। वह वाकई जमीन से जुड़े इंसान हैं और बेहद सादगी के साथ लोगों के बीच काम कर रहे हैं।
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ओडिशा की बालासोर सीट से जीतने वाले प्रताप चंद्र सारंगी को 'ओडिशा का मोदी' कहा जाता है। प्रताप चंद्र सारंगी का जन्म ओडिशा के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। वे शुरू से ही धार्मिक थे और साधु बनना चाहते थे। नीलगिरि के फकीर मोहन कॉलेज से स्नातक करने के बाद वे साधु बनने के लिए रामकृष्ण मठ चले गए।
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जब वहां के लोगों को पता चला कि उनकी मां विधवा हैं और परिवार में कोई नहीं है तो उन्होंने उन्हें घर जाकर अपनी मां की सेवा करने की सलाह दी। सारंगी ने शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया। वह एक छोटे से घर में रहते हैं और साइकिल से चलते हैं। उनके पास संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है।
परिवार में एक मां भी थीं, जिनका पिछले साल निधन हो गया था। संसदीय क्षेत्र में सारंगी को धर्म और आस्था से जुड़े और निस्वार्थ भाव से लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वह बच्चों को पढ़ाते हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सारंगी से काफी प्रभावित हैं। मोदी जब भी ओडिशा आते हैं, उनसे जरूर मिलते हैं। मोदी की पहल के बाद ही सारंगी राजनीति में आए। इससे पहले वे 2004 और 2009 में नीलगिरी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे जरूर हार गए, लेकिन 2019 और 2024 में वे दिल्ली पहुंचने में कामयाब रहे।