अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण की बधाई देने के लिए पुरानी तस्वीरें शेयर कीं। उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि वे प्रधानमंत्री बनें, लेकिन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे।
बिहार में नई NDA सरकार बनने और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद विपक्ष की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पूर्व पर एक दिलचस्प पोस्ट शेयर की है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
अखिलेश यादव ने उस समय की तस्वीरें शेयर कीं जब इंडिया अलायंस बन रहा था और नीतीश कुमार उस अलायंस को एकजुट करने में अहम भूमिका निभा रहे थे। तस्वीरों के साथ अखिलेश ने लिखा कि उस समय उन्होंने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाने में मदद करने की कोशिश की थी। उन्होंने लिखा, "हम चाहते थे कि वे प्रधानमंत्री बनें, लेकिन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे।" इस कमेंट के साथ अखिलेश ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी। अपने मैसेज में उन्होंने लिखा, "बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर नीतीश कुमार को बधाई और अगले पांच साल तक उनकी मूल समाजवादी विचारधारा पर आधारित जनता के अनुकूल, पॉजिटिव और स्वतंत्र शासन के लिए शुभकामनाएं।"
पॉलिटिकल व्यंग्य में लिपटी शुभकामनाएं
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अखिलेश यादव का पोस्ट सिर्फ बधाई संदेश नहीं है, बल्कि एक पॉलिटिकल व्यंग्य भी है। INDIA गठबंधन बनने के समय, नीतीश कुमार को विपक्षी नेताओं के बीच प्रधानमंत्री पद का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था। अखिलेश समेत कई नेताओं ने नीतीश की सक्रिय भूमिका की तारीफ की थी।
लेकिन कुछ ही महीनों बाद, नीतीश कुमार ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया और NDA में वापस आ गए। तब से, विपक्ष उन पर यू-टर्न पॉलिटिक्स का आरोप लगा रहा है।
पोस्ट के पीछे क्या पॉलिटिकल मैसेज है?
अखिलेश का पुरानी तस्वीरों को फिर से पब्लिश करना इस बात का इशारा है कि वह नीतीश कुमार को उनके लगातार बदलते पॉलिटिकल रुख को लेकर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। तस्वीरें हमें याद दिलाती हैं कि नीतीश कभी विपक्षी एकता का केंद्र थे, लेकिन अब वह NDA में शामिल हो गए हैं और मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश का यह बयान कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, एक पॉलिटिकल सटायर के तौर पर देखा जा रहा है।
नीतीश की शपथ और विपक्ष का रिएक्शन
नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, उनके शपथ लेने के तुरंत बाद, कई विपक्षी नेताओं ने उनकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाए। अखिलेश के पोस्ट को उसी पॉलिटिकल बैकलैश का हिस्सा माना जा रहा है।