मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन को पूरा करने के लिए UPPCL राज्य के सभी जिलों में तेज़ी से स्मार्ट मीटर लगा रहा है। सरकार ने 3 करोड़ से ज़्यादा स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट रखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लीडरशिप में, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हर कंज्यूमर को ट्रांसपेरेंट, सिक्योर और वर्ल्ड-क्लास बिजली सर्विस देने को अपना मिशन बनाया है। इस टारगेट को पाने के लिए स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को टॉप प्रायोरिटी दी गई है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) राज्य के सभी जिलों में तेज़ी से स्मार्ट मीटर लगा रहा है। अब तक, 6.265 मिलियन से ज़्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जबकि राज्य सरकार का टारगेट 39.78 मिलियन से ज़्यादा स्मार्ट मीटर लगाना है।
सिक्योर और कंज्यूमर-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी पर आधारित
स्मार्ट मीटर पूरी तरह से सिक्योर, ट्रांसपेरेंट और कंज्यूमर-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। ट्रेडिशनल इलेक्ट्रॉनिक मीटर की तरह, ये कंजम्प्शन मापते हैं और ऑनलाइन रीडिंग और बिलिंग भी देते हैं, जिससे इंसानी दखल खत्म होता है और बिलिंग में पूरी एक्यूरेसी पक्की होती है।
कंज्यूमर्स को वर्ल्ड-क्लास सर्विस मिल रही हैं
स्मार्ट मीटर सिस्टम से कंज्यूमर की सुविधा, ट्रांसपेरेंसी और एनर्जी मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव आया है। योगी सरकार की यह पहल बिजली कंज्यूमर्स को वर्ल्ड-क्लास सर्विस देने में लगातार नई मिसाल कायम कर रही है।
कंज्यूमर्स के लिए स्मार्ट मीटर के मुख्य फायदे
1. बिलिंग में ट्रांसपेरेंसी और एक्यूरेसी
स्मार्ट मीटर रियल-टाइम में रीडिंग भेजते हैं, जिससे गलत या अंदाजे पर आधारित बिलिंग खत्म हो जाती है।
2. बिजली चोरी की रोकथाम
रीडिंग अपने आप सर्वर पर ट्रांसमिट हो जाती है, जिससे छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाती है और बिजली चोरी पर कंट्रोल होता है।
3. घर बैठे सभी सर्विस का एक्सेस
बिल भरने के लिए बिजली ऑफिस जाने की जरूरत नहीं; कंजम्पशन, बिलिंग और पेमेंट सब ऑनलाइन होता है।
4. कंजम्पशन पर पूरा कंट्रोल
कंज्यूमर्स ऐप या पोर्टल के जरिए रियल-टाइम में अपनी बिजली की खपत को मॉनिटर कर सकते हैं और जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल को कंट्रोल कर सकते हैं।
5. प्रीपेड सुविधा (जहां लागू हो)
रिचार्ज जैसी सुविधा—आप जितनी बिजली खरीदेंगे, उसका इस्तेमाल उसी हिसाब से होगा। बजट कंट्रोल करना आसान है।
6. बिजली जाने और खराबी की तुरंत जानकारी
स्मार्ट मीटर लाइन में खराबी या बिजली जाने की तुरंत जानकारी देते हैं, जिससे जल्दी समाधान हो पाता है।
7. लोड मैनेजमेंट में मदद करता है
सिस्टम अपने आप लोड पैटर्न को समझ लेता है, जिससे बिजली की सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन ज़्यादा आसान हो जाता है।