इंदौर में 8 दिसंबर को दिलजीत दोसांझ का लाइव कॉन्सर्ट आयोजित किया गया था, जिसमें 25 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। आयोजकों ने निगम में मनोरंजन कर जमा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक निगम के खाते में एक रुपया भी नहीं पहुंचा है। नगर निगम ने आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एक तरफ नगर निगम छोटे बकाएदारों पर शिकंजा कस रहा है, वहीं दूसरी तरफ बड़े आयोजन हो रहे हैं और मनोरंजन कर तक जमा नहीं हो रहा है। आठ दिसंबर को शहर में दिलजीत दोसांझ का लाइव कंसर्ट हुआ। इसमें 25 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। टिकट भी हजारों में थे, लेकिन मनोरंजन कर के नाम पर निगम के खाते में एक रुपया भी नहीं पहुंचा।
हालात यह हैं कि मनोरंजन कर देना तो दूर आयोजक निगम अधिकारियों का फोन तक नहीं उठा रहे हैं। अब नगर निगम आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कर रहा है। सवाल यह भी है कि आयोजन को 20 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, निगम ने मनोरंजन कर वसूली को लेकर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। अनुमान है कि निगम को मनोरंजन कर के रूप में दो करोड़ से ज्यादा की राशि वसूलनी है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v
8 दिसंबर को सी-21 स्टेट में आयोजित लाइव कॉन्सर्ट में हजारों लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम के टिकट एक हजार से पचास हजार रुपये में बेचे गए थे। इन टिकटों की कई गुना अधिक दरों पर कालाबाजारी भी हुई थी।
आयोजकों ने खुद नगर निगम में आवेदन देकर कहा था कि कार्यक्रम में 25 हजार लोग शामिल हुए थे। आयोजकों ने निगम अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वे कार्यक्रम के तुरंत बाद मनोरंजन कर जमा करा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मामला मीडिया में उछला, जिसके बाद निगम ने आयोजकों को नोटिस जारी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
आयोजक कंपनी मुंबई की है। कार्यक्रम के बाद से निगम अधिकारी कंपनी के अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पाए हैं। आयोजक निगम अधिकारियों का फोन तक नहीं उठा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक का अनुमान नगर निगम सीमा में होने वाले मनोरंजन व आमोद-प्रमोद पर कर लगाने का अधिकार नगर निगम को है। निगम अधिकारियों का कहना है कि आयोजक कंपनी ने टिकटों का कोई हिसाब-किताब पेश नहीं किया, इसलिए मनोरंजन कर की गणना अभी नहीं हो पाई है, लेकिन टिकटों की दरों और 25 हजार लोगों की भागीदारी को देखते हुए अनुमान है कि कर की राशि दो करोड़ रुपए से अधिक है।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v
यह सही है कि आयोजक अधिकारियों के फोन नहीं उठा रहे हैं। हमने इस संबंध में आयोजक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों से कहा है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। निरंजन सिंह चौहान, प्रभारी राजस्व समिति, नगर निगम इंदौर