महाकुंभ भगदड़ मामला प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात भगदड़ मच गई। बुधवार रात हुई इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जनहित याचिका में कोर्ट से महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम जगह मुहैया कराने की मांग की गई है।
नई दिल्ली। महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले मंगलवार रात प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई। बुधवार रात हुई इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकारों से महाकुंभ जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ रोकने के लिए निर्देश, नीति और नियम बनाने की मांग की गई है।
वकील की ओर से दायर जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। साथ ही महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए। जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। साथ ही इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग बैरिकेडिंग तोड़कर सो रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गए। घटना और भीड़ में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठानिक स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया।