सीबीआई ने वित्तीय धोखाधड़ी मामले में वांछित और इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस वाले भगोड़े को भारत वापस लाने में सफलता प्राप्त की है। दोनों आरोपियों को भारत वापस लाया गया है। जनार्दन सुंदरम को तमिलनाडु पुलिस और वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल को गुजरात पुलिस को सौंप दिया गया। इन दोनों पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है।
नई दिल्ली। इंटरपोल रेड नोटिस के तहत थाईलैंड से दो भगोड़ों को भारत भेजा गया है। ये लोग तमिलनाडु और गुजरात में अलग-अलग मामलों में वांछित थे। सीबीआई ने इस ऑपरेशन का समन्वय किया था। इन भगोड़ों में से एक जनार्दन सुंदरम है। जनार्दन सुंदरम पर पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों से 87 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों से 87 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोपी जनार्दन सुंदरम को बैंकॉक से भारत भेजा गया और कोलकाता एयरपोर्ट पर तमिलनाडु पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा आपराधिक षडयंत्र, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जमा/ब्याज की अदायगी में चूक और अनियमित जमा योजना निषेध अधिनियम, 2019 के तहत अपराधों के लिए उसकी तलाश की जा रही थी।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, "सीबीआई ने तमिलनाडु पुलिस के अनुरोध पर 21 जून, 2023 को इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया।"
एजेंसी ने कहा कि 28 जनवरी, 2025 को बैंकॉक की यात्रा करने वाले सुंदरम को रेड नोटिस के आधार पर प्रवेश से वंचित कर दिया गया।
एक अन्य ऑपरेशन में, इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस के तहत वांछित वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल को जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक अन्य मामले में अहमदाबाद हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने वीरेंद्रभाई के खिलाफ नोटिस जारी किया था।
धोखाधड़ी के एक मामले में गुजरात पुलिस के अनुरोध पर आरोपी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था। गुजरात पुलिस ने 2002 में आपराधिक साजिश, दस्तावेजों की जालसाजी, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल, धोखाधड़ी और संपत्ति की बेईमानी से डिलीवरी के लिए मामला दर्ज किया था। वीरेंद्रभाई पटेल पर 77 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है।