विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और दुनिया से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाना चाहिए और न ही उन्हें परोक्ष रूप से इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात कही।
संयुक्त राष्ट्र। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और दुनिया से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
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जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी संगठन कुछ देशों के प्रॉक्सी के रूप में काम करते हैं। इसलिए ऐसा नहीं होने देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने वैश्विक समुदाय से किसी भी देश के परमाणु ब्लैकमेल के आगे न झुकने की अपील की है। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का पलटवार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का स्पष्ट संदेश देता है।
एस जयशंकर अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 'आतंकवाद से मानवीय क्षति' शीर्षक से एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रदर्शनी 30 जून से 3 जुलाई और 7 से 11 जुलाई तक दो स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। उद्घाटन ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान मंगलवार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता शुरू करने जा रहा है।
'आतंकवाद जहां भी हो, शांति के लिए खतरा है'
जयशंकर ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसके लिए जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने की मांग की है।
भारत ने इस हमले के दो सप्ताह बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा, "किसी भी देश द्वारा आतंकवाद को समर्थन को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए।"
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद जहां भी हो, हर जगह शांति के लिए खतरा है। इस समझ के साथ दुनिया को एकजुट होकर जवाब देना होगा।
आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन: विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह मानवाधिकार, कानून के शासन और देशों के बीच आपसी संबंधों जैसे संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है। उन्होंने कहा, "जब कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जब कट्टरता उसे बढ़ावा देती है, जब वह कई अवैध गतिविधियों को जन्म देती है, तो उसे दुनिया के सामने उजागर करना जरूरी है।
" प्रदर्शनी में 1993 के मुंबई बम विस्फोट, 2008 के मुंबई हमले और पहलगाम हमले जैसी आतंकवादी गतिविधियों को दर्शाया गया है। इसमें पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी आतंकवाद के पीड़ितों की आवाज उठाने का एक छोटा लेकिन दृढ़ प्रयास है। यह उन लोगों को श्रद्धांजलि है जो हमसे दूर हो गए। हर तस्वीर, हर याद, हर शब्द उन जिंदगियों की कहानी बयां करता है जिन्हें आतंकवाद ने तबाह कर दिया। एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों के परिवारों का दर्द हमें याद दिलाता है कि हम सभी को इसे हर तरह से खत्म करने की जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में, हमें न केवल याद रखना चाहिए, बल्कि उन मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए जिन्हें आतंकवाद नष्ट करना चाहता है।