छत्तीसगढ़ में लॉजिस्टिक हब, लॉजिस्टिक पार्क और ड्राई पोर्ट, एयर कार्गो टर्मिनल और गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की राह अब आसान हो जाएगी। सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में औद्योगिक विकास नीति में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को हरी झंडी मिल गई।
निवेश के लिए होंगे आकर्षित
राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए लॉजिस्टिक क्षेत्र और ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लॉजिस्टिक हब स्थापित करने के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता बढ़ेगी, जिससे राज्य के उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को सस्ते भंडारण की सुविधा मिलेगी।
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राज्य में लॉजिस्टिक की लागत में कमी आने से व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि अब तक औद्योगिक विकास नीति में लॉजिस्टिक हब के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया था। लॉजिस्टिक सेवाओं के लिए वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज के समान निवेश प्रोत्साहन तय किए गए हैं।
हब की स्थापना पर 10% अतिरिक्त अनुदान
अब निजी निवेशकों को अधोसंरचना लागत (भूमि को छोड़कर सड़क, रेल, हवाई से संबंधित) का 40% अनुदान या अधिकतम 5 लाख रुपए प्रति माह मिलेगा। न्यूनतम 5 एकड़ भूमि पर लॉजिस्टिक हब विकसित करने के लिए 140 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाएंगे। इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी से पूरी छूट, भूमि पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति तथा भूमि पुनर्निर्धारण कर में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। बस्तर एवं सरगुजा संभाग में लॉजिस्टिक पार्क या हब की स्थापना पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक देय मंत्री देवांगन ने बताया कि राज्य में निजी लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए न्यूनतम 15 एकड़ भूमि पर लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने पर भूमि को छोड़कर आंतरिक अधोसंरचना लागत का 40 प्रतिशत अथवा 25 लाख रुपए प्रति एकड़, जो भी न्यूनतम हो, प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार बाह्य अधोसंरचना (पहुंच मार्ग, विद्युत लाइन, पानी के लिए पाइप) पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक देय होगी।
इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी से पूरी छूट, भूमि पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, डायवर्सन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। निजी लॉजिस्टिक पार्क के विकासकर्ता अपने द्वारा निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अनुसार भूमि आवंटित कर सकेंगे। साथ ही वे लॉजिस्टिक सेवाएं संचालित कर सकेंगे।
ट्रांसपोर्ट हब को भी अलग से प्रोत्साहन दिया जाएगा
नई नीति में ट्रांसपोर्ट हब को भी अलग से प्रोत्साहन दिया जाएगा। शहरों के बाहर भारी वाहनों के आवागमन एवं माल की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए 5 एकड़ भूमि पर ट्रांसपोर्ट हब स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना लागत का 35 प्रतिशत अथवा अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपए प्रदान की जाएगी।
सात शहरों में बनेंगे व्यावसायिक परिसर
मंत्रिपरिषद ने राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों, मंडलों, कंपनियों एवं बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों के समुचित उपयोग के लिए पुनर्विकास योजना के तहत 7 योजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं। सरकार इन स्थानों पर व्यावसायिक परिसर बनाएगी।