- मौत का फतवा, सिर लाने पर 20 करोड़ के इनाम के बाद अब ड्रोन अटैक की धमकी, क्या ट्रंप की जान खतरे में है?

मौत का फतवा, सिर लाने पर 20 करोड़ के इनाम के बाद अब ड्रोन अटैक की धमकी, क्या ट्रंप की जान खतरे में है?

ईरान के कट्टरपंथी धार्मिक और राजनीतिक नेताओं द्वारा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर हाल ही में दिए गए बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। पश्चिम अजरबैजान प्रांत में एक सभा को संबोधित करते हुए धार्मिक नेता मंसूर इमामी ने ट्रंप की हत्या पर सार्वजनिक रूप से इनाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो कोई ट्रंप का सिर लाएगा, उसे 100 अरब डोमान (लगभग 20 करोड़ रुपये) दिए जाएंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और ईरान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, खासकर 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद।

इसी संदर्भ में, ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी सलाहकार जावेद लारीजानी ने एक टेलीविज़न इंटरव्यू में ट्रंप को सीधी धमकी दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप अब मार-ए-लागो स्थित अपने फ्लोरिडा निवास में भी सुरक्षित नहीं हैं और जब वे धूप सेंकने के लिए पेट के बल लेटते हैं, तो कोई छोटा ड्रोन उनकी नाभि में प्रवेश कर सकता है। यह बयान न केवल उकसावे की भाषा में दिया गया है, बल्कि यह आतंकवादी गतिविधियों को वैचारिक समर्थन देने जैसा प्रतीत होता है।

इस तरह की बयानबाज़ी से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ सकता है। यह न केवल कूटनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक अस्थिरता को भी जन्म देता है। किसी भी देश के पूर्व या वर्तमान नेता पर इस प्रकार की सार्वजनिक धमकी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। ऐसे बयान केवल राजनीतिक कट्टरता को दर्शाते हैं और इनका दूरगामी प्रभाव दोनों देशों के संबंधों के अलावा वैश्विक शांति पर भी पड़ सकता है।

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