संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत के चुनाव आयोग को लेकर गंभीर टिप्पणी की है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संदर्भ में भारत के चुनाव आयोग पर गंभीर टिप्पणी की है। इस दौरान अखिलेश ने वर्ष 2024 में यूपी की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में मिले राजनीतिक जख्मों का भी जिक्र किया। मानसून सत्र के दौरान संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कुंदरकी, मीरापुर और अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का हवाला दिया।
कन्नौज के सांसद ने कहा कि यूपी में हमने देखा है कि चुनाव आयोग किसी भी अधिकारी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं करता, चाहे आप कितनी भी शिकायत करें, किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। आप मतदाता सूची की शिकायत करेंगे, लेकिन प्रशासन आपका साथ नहीं देता।"
कुंदरकी, मीरापुर में पुलिस प्रशासन ने मिलकर...
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने मिलकर कुंदरकी, मीरापुर के चुनाव को लूटा, अयोध्या में हुए चुनाव को लूटा। हम यूपी के कई उदाहरण दे सकते हैं जहाँ चुनाव आयोग ने आँखें मूंद लीं।
आपको बता दें कि सपा प्रमुख मंगलवार, 22 जुलाई को उस विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के गहन निरीक्षण का विरोध किया जा रहा था। अखिलेश के साथ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
संसद के मकर द्वार पर सभी ने विरोध प्रदर्शन किया और बिहार के एसआईआर को बंद करने की मांग की। कन्नौज के सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि कोई भी अपना वोट डाले। और बिहार में जिस तरह की कार्रवाई हो रही है, वह उत्तर प्रदेश जैसी ही है, जहाँ भाजपा ने जानबूझकर चुनाव आयोग की मिलीभगत से प्रशासन का इस्तेमाल करके बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटवाए।